Move to Jagran APP

KGMU: तपती धूप में झुलस रहे तीमारदार, करोड़ों की लागत से तैयार रैन बसेरे पर ताला

करोड़ों की लागत से बने केजीएमयू में रैनबसेरा का तोहफा तीमारदारों को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिया था। उद्घाटन के बाद भी पार्किंग सुविधा नहीं शुरू हो सकी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 01:04 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 08:34 AM (IST)
KGMU: तपती धूप में झुलस रहे तीमारदार, करोड़ों की लागत से तैयार रैन बसेरे पर ताला
KGMU: तपती धूप में झुलस रहे तीमारदार, करोड़ों की लागत से तैयार रैन बसेरे पर ताला

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में राजधानी समेत दूर-दराज से लोग इलाज कराने आते हैं। यहां धूप, ठंड और बारिश से बचाव के लिए तीमारदारों के ठहरने के लिए रैन बसेरा का निर्माण कराया गया। करोड़ों की लागत से बने रैनबसेरा का उद्घाटन गृहमंत्री ने किया। बावजूद, लोग धूप में झुलसने को मजबूर हैं। कारण, इसके भवन के चैनल पर ताला लगा होना है।

loksabha election banner

केजीएमयू के शताब्दी भवन फेज-वन में रैन बसेरा का निर्माण कराया गया। इस पर साढ़े सात करोड़ से अधिक लागत आई। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 25 दिसंबर 2018 को उद्घाटन कर तीमारदारों को तोहफा दिया। मगर, मरीजों को इसकी सुविधा अभी तक नहीं मिल सकी। वह भीषण गर्मी व धूप में प्लास्टिक की शेड के नीचे ठहरने को मजूबर हैं। वहीं आंधी पानी में उन्हें और दुश्ववारियां झेलनी पड़ती है। 

210 बेडों का है रैन बसेरा

रैन बसेरा का निर्माण निगम ने करवाया है। इसमें बेसमेंट के साथ -साथ दो और तल हैं। इसमें कुल 210 बेड हैं, जिसके प्रत्येक तल पर 70-70 बेड हैं। इसके अलावा सभी हॉल में दो शौचालय के साथ-साथ तमाम सुविधाएं हैं। मगर तीमारदारों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

मल्टीलेवल पार्किंग भी बंद

करोड़ों रुपये खर्च कर संस्थान में मल्टीलेवल पार्किंग तैयार कराई गई। इसका भी उद्घाटन हो चुका है। अभी तक इसे वाहनों के लिए खोला नहीं गया। लिहाजा परिसर में जगह-जगह बेतरतीब गाडिय़ां खड़ी हो रही हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। 

किराया निर्धारण में फंसी सुविधा

रैन बसेरा का उद्घाटन को महीनों हो गए। वहीं केजीएमयू प्रशासन इसका कराया निर्धारित नहीं कर सका। साथ ही फर्नीचर का भी अभाव है।

क्या कहते हैं सीएमएस ? 

सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार का कहना है कि रैन बसेरा का संचालन जल्द होगा। इसके किराए को लेकर मंथन किया जा रहा है। वहीं फर्नीचर की कमी भी दूर की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.