स्कीमर बना ऑनलाइन लुटेरों का हथियार, ठग ऐसे करते हैं कार्ड का क्लोन तैयार
दैनिक जागरण आपको बता रहा है कि क्या है कार्ड क्लोनिंग और कैसे ठग बनाते हैं आपको शिकार।
लखनऊ[ज्ञान बिहारी मिश्र]। राजधानी लखनऊ में ऑनलाइन लुटेरों से खाता धारक परेशान हैं। जेब में कार्ड होने के बावजूद रुपये निकल जाने से उनकी हैरानी कम नहीं हो रही। कार्ड का क्लोन बन जाने की बात लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रही। विभिन्न बैंकों के खाता धारक कब कैसे जालसाजों की चपेट में आ गए, उन्हें इसकी भनक ही नहीं लगी। ऐसे में दैनिक जागरण आपको बता रहा है कि क्या है कार्ड क्लोनिंग और कैसे ठग बनाते हैं आपको शिकार।
ठग ऐसे तैयार करते हैं कार्ड का क्लोन
जालसाज एटीएम के कार्ड रीडर प्वाइंट पर स्कीमर सेट कर देते हैं। स्कीमर आपके कार्ड की सारी जानकारी चोरी कर लेता है। इसके बाद ठग आपके कार्ड का क्लोन तैयार लेते हैं और विभिन्न माध्यमों से खाते से रुपये निकाल लेते हैं। कुछ समय पहले तक ठग क्लोन किए गए कार्ड का उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग के लिए करते थे, लेकिन अब वह एटीएम से सीधे रुपये निकाल रहे हैं।
स्कीमर डिवाइस संग चिप का भी इस्तेमाल
कार्ड की क्लोनिंग के लिए ठग एटीएम के कीबोर्ड पर फर्जी कीबोर्ड चिपकाने से भी बाज नहीं आते। जालसाज वास्तविक कीबोर्ड पर एक चिप लगाकर उसके ऊपर दूसरा फर्जी कीबोर्ड चिपका देते हैं। उधर, स्कीमर कार्ड की सभी जानकारी चुरा लेता है और इधर फर्जी कीबोर्ड पर पिन नंबर चस्पा हो जाता है। इसके बाद ठग एटीएम के कोड व नंबर के आधार पर लोगों के खाते में जमा रकम पार कर देते हैं। कैंसिल बटन पर फेवीक्विक का इस्तेमाल
अधिकाश एटीएम में रुपये निकालने के बाद ट्राजेक्शन जारी रखें अथवा नहीं का विकल्प पूछा जाता है। नकदी प्राप्त करने के बाद लोगों को कैंसिल का बटन दबाना होता है। लोग ऐसा करते भी हैं, लेकिन कैंसिल बटन पर फेवीक्विक लगे होने के कारण कमाड पूरा नहीं होता और ग्राहक बिना ध्यान दिए बाहर निकल जाते हैं। इसके बाद एटीएम के बाहर मौजूद जालसाज भीतर दाखिल होते हैं और ट्राजेक्शन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए रुपये निकाल लेते हैं।
क्या है स्कीमर डिवाइस ?
स्कीमर एटीएम कार्ड का डेटा चोरी करने वाली मशीन है। यह बिल्कुल उस स्लाट की तरह होती है, जहा पर एटीएम कार्ड डेटा जाता है। कार्ड डालने पर डेटा स्कीमर में लगी चिप में कापी हो जाता है। इसके अलावा एटीएम मशीन पर एक छोटा कैमरा भी लगाया जाता है। एटीएम कार्ड लगाने के बाद ग्राहक पासवर्ड के लिए कौन सा बटन दबा रहा है, इसकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाती है। इसके बाद स्कीमर से कार्ड का क्लोन तैयार कर लिया जाता है। तब पासवर्ड डालकर रकम निकाल ली जाती है।