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UP: अतीक के बेटे असद सह‍ित पांच लाख के पांच इनामी पुलिस के नेटवर्क पर पड़ रहे भारी, की थी फुलप्रूफ प्लानिंग

प्रयागराज के चर्च‍ित उमेश पाल हत्‍याकांड के मुख्‍य आरोप‍ित माफ‍िया अतीक अहमद का बेटा मोहम्‍मद असद अपने चार खास शूटरों के साथ यूपी पुल‍िस एसटीएफ और एसओजी की टीमों की पकड़ से दूर है। सर्विलांस के जरिए भी पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Fri, 24 Mar 2023 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2023 10:20 AM (IST)
UP: अतीक के बेटे असद सह‍ित पांच लाख के पांच इनामी पुलिस के नेटवर्क पर पड़ रहे भारी, की थी फुलप्रूफ प्लानिंग
Umesh Pal Murder: उमेश पाल का हत्‍यारा मोहम्‍मद असद और चार शूटरों पुल‍िस की पकड़ से दूर

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। संगठित अपराध की कमर तोड़ने के लिए वर्ष 1998 में गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का सबसे बड़ा हथियार इलेक्ट्रानिक सर्विलांस बना था। यूपी पुलिस की इस विशेष शाखा को अपराधियों के पीछे मुखबिर तंत्र के साथ उनकी मोबाइल लोकेशन के जरिए अपना गहरा जाल बुनने की कला में महारथ भी हासिल है। 22 सितंबर, 1988 को एसटीएफ ने अपनी सर्विलांस की ताकत के बूते ही लंबे इंतजार के बाद कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला व उसके दो साथियों सुधीर त्रिपाठी व अनुज प्रताप सिंह को गाजियाबाद में मार गिराया था। यह बहुत बड़ी कामयाबी थी।

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पुल‍िस के ल‍िए चुनौती बने मोहम्‍मद असद व उसके चार अन्य साथी

इसके बाद एसटीएफ ने सर्विलांस के बूते जुटाई गई सटीक सूचनाओं के दम पर प्रदेश को दस्यु विहीन भी किया। लेकिन, प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद अंडरग्राउंड हुए माफिया अतीक अहमद के बेटे मोहम्‍मद असद व उसके चार अन्य साथी पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। दरअसल, वक्त के साथ अपराधियों ने भी पुलिस की हर चाल का तोड़ निकाला है। उमर व उसके साथी फोन व इंटरनेट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।

उमेश पाल हत्‍याकांड के शूटरों की सटीक लोकेशन अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगी

यही वजह है कि उनकी कोई सटीक लोकेशन अब तक पुलिस के हाथ नहीं लग सकी है। घटना के एक माह बाद भी पुलिस उनकी पहेली को सुझाने में नाकाम है। उमेश पाल की हत्या से पहले फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी। वारदात से पहले क‍िस तरह जेल से फेस टाइम एप के जरिए साजिश का तानाबना बुना गया। पुलिस ने उसकी कड़ियां खंगाल लीं। घटना के बाद जब मोहम्‍मद असद, गुड्डू मुस्लिम, अरमान, गुलाम व साबिर भागे तो उन्होंने फोन अपने पास से हटा दिया।

असद के गुजरात भागने की आशंका, लखनऊ में छोड़ गया था मोबाइल

कहा जाता है कि असद तो अपना मोबाइल लखनऊ में ही छोड़कर गया था। पुलिस जांच में गुड्डू मुस्लिम के बस से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर भागने की बात भी सामने आई। शूटरों के नेपाल भागने तक की आशंका जताई गई। यह भी आशंका रही कि असद गुजरात भाग निकला है। पर अब तक पुलिस के पास ऐसी कोई सटीक जानकारी नहीं है कि वारदात के बाद वे कहां अपना ठिकाना बनाए हैं।

मोबाइल के साथ पुल‍िस की पकड़ से भी दूर हैं उमेश पाल के हत्‍यारे

इससे यह भी साफ है कि अपराधियों ने सबकुछ पहले ही तय कर लिया था और किसी भी सूरत में मोबाइल का प्रयोग न करने की उन्हें सख्त हिदायत थी। यहां तक कि घरवालों से संपर्क करने तक की मनाही। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने उनके करीबियों व परिवार के लोगों के मोबाइल नंबर तक खंगाले पर फरार शूटरों का उनसे संपर्क की कोई जानकारी नहीं जुटाई जा सकी। इंटरनेट काल तक का प्रयोग नहीं किया गया। वहीं अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय करने के बाद भी पुलिस अब तक कामयाब नहीं हो सकी है।


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