विधानसभा प्रश्नोत्तरः अभी शराबबंदी के सवाल पर कोई विचार नहीं कर रही सरकार
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के एजेंडे में भले शराबबंदी लागू कराना मुख्य मुद्दा हो परंतु सरकार अभी शराबबंदी के सवाल पर कोई विचार नहीं कर रही है।
जेएनएन, लखनऊ। योगी सरकार में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के एजेंडे में भले ही प्रदेश में शराबबंदी लागू कराना मुख्य मुद्दा हो परंतु सरकार अभी शराबबंदी के सवाल पर कोई विचार नहीं कर रही है। लिखित जवाब विधानसभा के प्रश्नोत्तर में जारी किया गया है। अमन मणि त्रिपाठी व मोहम्मद फईम इरफान के सवाल पर दिए लिखित उत्तर में आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने बताया कि समाज में होने वाले विभिन्न अपराध व अराजकता और अस्वस्थता के लिए प्रमुख रूप में शराब ही जिम्मेदार नहीं है, इसलिए केवल शराब को दोषी ठहराना उचित नहीं। प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू किए जाने के बारे में कोई नीति सरकार के विचाराधीन नहीं है। प्रदेश की विकास योजनाओं के लिए राजस्व अर्जित करने को आबकारी दूसरा महत्वपूर्ण विभाग है।
आबकारी दुकानों में आरक्षण नहीं
सपा के मनोज पारस के प्रश्न पर आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने वर्ष 2018-19 के लिए लागू आबकारी नीति में दुकानों के आवंटन प्रक्रिया में अनुसूचित व जनजाति वर्ग को आरक्षण देने का कोई प्राविधान नहीं और इस बारे में कोई बदलाव भी संभव नहीं है।
4,99,258 किसानों का 2445 करोड़ बकाया
कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू व सपा के मनोज कुमार पारस के प्रश्न पर गन्ना राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा ने बताया कि सत्र 2017-18 में 1,111,90 लाख टन गन्ने की पेराई की गई है। जिसके कुल गन्ना मूल्य 35,463.68 करोड़ रुपये में से 93.19 प्रतिशत भुगतान हो चुका है। पेराई सत्र 2016-2917 और 2017-18 में 499258 किसानों का 2445 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य भुगतान बकाया है। वर्ष 2016-17 की बकायेदार निजी क्षेत्र तीन में से दो चीनी मिलों वाल्टरगंज बस्ती व चिलवरिया बहराइच के खिलाफ आरसी जारी की गयी है। सपा के नरेद्र सिंह वर्मा के प्रश्न पर बताया कि वर्ष 2016-17 व 2018 में प्रदेश में नई चीनी मिल स्थापित करने को निजी क्षेत्र से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
सिल्ट सफाई में 9954 लाख रुपये व्यय
सपा के मनोज कुमार पांडेय के प्रश्न पर सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने जानकारी दी कि वर्ष 2017-18 में नहरों की सिल्ट सफाई कार्य में कुल 9954.55 लाख रुपये व्यय किए गए लेकिन 4297 नहरों की सिल्ट सफाई नहीं हो पायी थी। इस वर्ष रबी सीजन में गत वर्ष की अवशेष नहरों की सफाई करायी जा चुकी है।