तबादले से परेशान था एएसआई, फंदे पर लटकता मिला शव-परिवारीजनों ने की जांच की मांग Lucknow News
मीरजापुर आइजी कार्यालय से संबद्ध एएसआइ धर्मेंद्र कुमार का 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर में हुआ था तबादला। सोमवार को लखनऊ में रिश्तेदार के घर लगा ली फांसी।
लखनऊ, जेएनएन। एएसआइ (एम) धर्मेंद्र कुमार (36) ने सोमवार तड़के फांसी लगाकर जान दे दी। मीरजापुर में आइजी कार्यालय से संबद्ध धर्मेंद्र ने पीएसी मुख्यालय, लखनऊ में 2 अगस्त को आमद दर्ज कराई थी। मूल रूप से गाजीपुर के सद्दोपुर गांव निवासी धर्मेंद्र मां व पत्नी की बीमारी के चलते वाराणसी के आसपास तैनाती चाह रहे थे। इसके लिए वे एडीजी पीएसी मुख्यालय से मिलने की कोशिश भी कर रहे थे। वहीं परिवारजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
यह है मामला
जानकीपुरम में सहारा एस्टेट न्यू बहार निवासी रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन के प्रशासनिक अधिकारी अपने साढ़ू दयाशंकर के घर में रह रहे धर्मेंद्र की आत्महत्या की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला। उनका शव कमरे में बेड शीट से बने फंदे पर लटक रहा था। साढू़ दयाशंकर के मुताबिक धर्मेंद्र पुलिस से लखनऊ पीएसी मुख्यालय में तबादला होने पर आजकल उनके घर पर ही रह रहे थे। पत्नी नीतू बच्चेदानी के ऑपरेशन के चलते परेशान थी। धर्मेंद्र रविवार रात नींद न आने की बात कहकर देर रात तक ड्राइंग रूम में पत्नी नीतू से बात करते रहे। इसके बाद दोनों कमरे में सोने चले गए, जहां एसी चलने के चलते नीतू तड़के ड्राइंग रूम में जाकर सो गईं। सोमवार सुबह दरवाजा न खुलने पर अनहोनी की आशंका होने पर पुलिस को सूचना दी गई।
आसपास तबादले की लगाई थी गुहार
26 अगस्त को 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर में उनके तबादले का आदेश हो गया। इस पर एडीजी के यहां आवेदन देकर वे वाराणसी के आसपास तबादले की गुहार लगाने तैयारी में वे थे। लेकिन, मुलाकात नहीं हुई।
भाई ने की निष्पक्ष जांच की मांग
गोरखपुर में तैनात उनके सिपाही भाई राहुल ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। जानकीपुरम इंस्पेक्टर के मुताबिक यह आत्महत्या का मामला है। परिवारीजन ने अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। तहरीर मिलने पर जांच कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
एडीजी पीएसी मुख्यालय विनोद कुमार सिंह नग बताया कि जनपदीय पुलिस से इनका पीएसी में तबादला हुआ था। यथासंभव सबका तबादला किया जाता है। सबका मनमाफिक तबादला नहीं हो सकता। मामले की जांच की जाएगी।