मेडिक्स 2019: दुनिया देखेगी अब भारतीय सेना का जलवा, ये है आसियान देशों का फील्ड अभ्यास
मेडिक्स 2019 में दुनिया देखेगी भारतीय सेना का जलवा। अभ्यास में 18 देश के 250 मेडिकल स्पेशलिस्ट हुये शामिल। फील्ड ट्रेनिंग अभ्यास 11 से 16 मार्च तक लखनऊ में अलग अलग हिस्सों में आयोजित किया जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। भीषण आपदा और इमरजेंसी में लोगों की जान बचाने के लिए की जाने वाली सैन्य कार्यवाही का जलवा पूरी दुनिया देखेगी।पहली बार दुनिया की सबसे बड़ी फील्ड ट्रेनिंग अभ्यास 11 से 16 मार्च तक लखनऊ में अलग अलग हिस्सों में आयोजित किया जाएगा। जिसकी शुरूआत सोमवार यानी आज से हे रही है। पहले दिन अभ्यास में 18 देश के 250 मेडिकल स्पेशलिस्ट शामिल हुए। दुनिया की सबसे पेशेवर सेनाओं में शुमार भारत की सेना आसियान और आसियान प्लस देशों की सेनाओं के साथ मेडिकल अभ्यास मेडिक्स 2019 में अपने कौशल का प्रदर्शन दिखाएगी।
इस अभ्यास में आसियान और आसियान प्लस देशों के 250 सैन्य चिकित्सा विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। इस बार की थीम मॉस कैजुअलिटी मैनेजमेंट रखा गया है। इसके समापन समारोह में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और आर्मी चीफ जनरल विपिन रावत भी आ सकते हैं। पहली बार बीकेटी वायुसेना स्टेशन पर सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ग्लोब मास्टर सी-17 भी उतरेगा। इस अभ्यास के दौरान भूकंप की स्थिति बनाई जाएगी। इसके बाद कैजुअलिटी को निकालकर दूसरी जगह ले जाकर वहां गंभीरता के आधार पर उनके उपचार की रूपरेखा तय की जाएगी। इसके लिए सूर्य खेल परिसर में कैंप बना दिए गए हैं। इसके बाद उनको एडवांस ड्रेसिंग स्टेशन ले जाया जाएगा।
भारतीय सेना के पास मोबाइल ऑपरेशन थिएटर को कैंप से जोड़कर 45 बिस्तर वाला अस्पताल बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, हायर सेटअप कमांड हॉस्पिटल में बनाया गया है। सिंगापूर आर्मी जहां अपना हॉस्पिटल बनाएगी। वहीं, हेलीकाप्टर और बीकेटी एयरफोर्स स्टेशन से मॉस कैजुअलिटी को तुरंत राहत देने की कार्यवाही भी की जाएगी। भारतीय वायुसेना की रैपिड एक्शन मेडिकल टीम भी इसमें शामिल होगी। इसके अलावा एम्बुलेंस ट्रेन भी इस अभ्यास में शामिल होगी। ये ट्रेन लखनऊ आ चुकी है। इस ट्रेन में ऑपरेशन थिएटर, डॉक्टर रूम और वार्ड के अलावा मेडिकल से जुड़ी सभी जरूरत के अनुसार सुविधाएं होंगी।
पहली बार आएगा ग्लोबमास्टर
बेकेटी वायुसेना स्टेशन कुछ दिन पहले ही अपग्रेड हुआ है। यहां रनवे का विस्तार और आधुनिक बन गया है। अब तक यहां केवल मिग-21 ही उतरते थे। अब यहां बोइंग सी-17 ग्लोब मास्टर जैसे विमान भी उतर सकेंगे। इससे भविष्य में भारतीय सेना को बड़ी कार्रवाई के लिए बिना देरी तैयार किया जा सकेगा। ग्लोब मास्टर विश्व के बड़े मालवाहक विमानों में शामिल है। 55 फीट ऊंचाई वाला यह विमान चार इंजन से लैस है। इसमें रिवर्स गियर भी है। इसकी लंबाई 174 फीट और चौड़ाई 170 फीट है।
यह हैं आसियान देश
इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलिपिन्स, म्यांमार, वियतनाम, कंबोडिया, ब्रूनी व लॉस।
यह हैं आसियान प्लस देश
भारत, रूस, चीन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड व दक्षिण कोरिया।