पीडि़ता बोली, आसाराम के कुकृत्यों का साम्राज्य बहुत बड़ा
शाहजहांपुर की पीडि़ता ने आसाराम प्रकरण के अहम गवाह कृपाल सिंह की हत्या के बाद पहली बार मीडिया के सामने आकर जैसा बताया। उसके हू-ब-हू अंश:--कृपाल अंकल की मौत हो गई तो क्या? उन्होंने बहादुरी से हमारा साथ दिया। मैं अब भी डरूंगी नहीं...
लखनऊ। शाहजहांपुर की पीडि़ता ने आसाराम प्रकरण के अहम गवाह कृपाल सिंह की हत्या के बाद पहली बार मीडिया के सामने आकर जैसा बताया। उसके हू-ब-हू अंश:--
कृपाल अंकल की मौत हो गई तो क्या? उन्होंने बहादुरी से हमारा साथ दिया। मैं अब भी डरूंगी नहीं...डटकर लड़ूंगी। वैसे, बेगुनाह गवाहों का क्या दोष है, उनपर हमले क्यों हो रहे हैं, क्यों उनकी जान ली जा रही है। यह पाप है। एक पाप आसाराम ने मुझ समेत तमाम नाबालिग लड़कियों के आबरू से खिलवाड़ करके किया। अब वह लोगों की जान लेने पर उतारू हैं। यह सारे हमले वे ही करवा रहे हैं ताकि केस कमजोर पड़ जाए लेकिन, मैं डिगने वाली नहीं। दुष्कर्मी को सजा दिलाकर ही दम लूंगी।
हां, मन थोड़ा दुखी है। मेरी वजह से बेगुनाह लोग मारे जा रहे हैं। उनके परिवारों पर क्या गुजर रही होगी। किसी के परिवार का कोई शख्स असमय जाता है, तो पीड़ा होना लाजिमी है लेकिन यह लड़ाई इतनी आसान नहीं। आसाराम के कुकृत्यों का साम्राज्य बहुत बड़ा है। वह कमजोर तो हुआ, मगर अभी खत्म नहीं हुआ है। कहने को आसाराम भले जेल में है लेकिन, उसके गुर्गे खुले घूम रहे हैं। वे उसके इशारे पर ही एक-एक कर लोगों को ठिकाने लगा रहे हैं। प्रदेश और केंद्र सरकार के रवैये पर हैरान हूं। आखिर वह इस मामले में शिथिल क्यों है? क्यों बेगुनाहों की जिंदगी बचाने को कदम नहीं उठा रही? इससे लगता है कि आसाराम की पकड़ कितनी मजबूत है। सरकार को समझना चाहिए कि यह सिर्फ एक लड़की का मामला नहीं है। जांच में साबित हो चुका है आसाराम और उसके बेटे नारायण साई ने कितनी महिलाओं, नाबालिग लड़कियों की जिंदगी बर्बाद की। आज भी मन गुस्से से भर जाता है जब आसाराम की करतूत याद आती है। उसका चेहरा टीवी पर देखती हूं। अगर पुलिस कुछ नहीं कर पा रही तो अब तक हुई सभी हत्याओं की जांच सीबीआइ को दी जाए। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। कृपाल अंकल तो नहीं रहे मगर खतरा अभी टला नहीं है। आसाराम के गुर्गे मुझे और मेरे परिवार को खत्म करने पर उतारू हैं। हमारी सुरक्षा कड़ी होनी चाहिए।
ताजा घटनाक्रम-कृपाल हत्याकांड
शाहजहांपुर के गदियाना निवासी कृपाल सिंह की 10 जुलाई रात बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार दी थी। कृपाल ङ्क्षसह दुष्कर्म आरोपी कथावाचक आसाराम के केस में अहम गवाह था। बरेली में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। कृपाल की मौत के बाद ही आसाराम की सताई छात्रा सामने आई। अपने साथ हुई ज्यादती और इरादों को जाहिर किया।
कृपाल-अखिल हत्याकांड में समानता
अखिल हत्याकांड की जांच कर रही क्राइम ब्रांच और मुजफ्फरनगर की नई मंडी पुलिस आज शाहजहांपुर से लौट आई। प्राथमिक जांच में पुलिस को जो महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है, उसमें अखिल और कृपाल के कत्ल में बेहद समानता है। दोनों को गोली मारकर कत्ल करने का तरीका एक जैसा है। पुलिस को कृपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। शव से मिले बुलेट के आधार पर पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि जिस पिस्टल से अखिल को गोली मारी गई, क्या कृपाल को भी उससे ही मारा गया है। क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर गजेन्द्र सिंह व उप निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह शनिवार को शाहजहांपुर गए थे। यहां दोनों अधिकारियों ने कृपाल के परिजनों से लंबी बातचीत की। कृपाल के साथ हुई घटना के अलावा आसाराम बापू आश्रम व अखिल के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया। कृपाल और अखिल दोनों ही आसाराम दुष्कर्म मामले में गवाह थे। दोनों की गवाही से आसाराम बापू की जमानत नहीं हो पा रही है। पुलिस टीम ने दुष्कर्म पीडि़त लड़की व उसके परिजनों से भी बातचीत की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य पुलिस को हाथ लगे। बरेली अस्पताल में पहुंची टीम कृपाल से बातचीत नहीं कर सकी। कृपाल की हालत गंभीर होने से डाक्टरों ने बातचीत से इन्कार कर दिया। बाद में कृपाल की मौत हो गई।