लखनऊ विवि में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम पर कला संकाय का भी इंकार, बोर्ड की बैठक में हुई चर्चा
लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) अध्यक्ष डा. विनीत वर्मा ने मांग की है कि सरकार कामन मिनिमम सिलेबस वापस ले। यह छात्रों तथा उच्च शिक्षा के हित में नहीं है। इसकी अवधारणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के विपरीत है।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय में विज्ञान के बाद अब कला संकाय बोर्ड ने भी स्नातक (बीए) में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम (कामन मिनिमम सिलेबस) को अपनाने से इंकार कर दिया है। शुक्रवार को हुई आर्ट्स फैकल्टी की बोर्ड आफ स्टडीज में सदस्यों ने इसका विरोध किया। राज्य सरकार द्वारा निर्मित कॉमन मिनिमम सिलेबस पर कला संकाय बोर्ड की बैठक में चर्चा हुई। बैठक में सर्वसम्मति से सभी विभागों ने कामन मिनिमम सिलेबस को खारिज कर दिया। शिक्षकों का कहना था कि इस सिलेबस में कई विसंगतियां हैं, इसलिए इसको लागू किया जाना संभव नही है।
विभागों की यह आपत्ति थी कि कामन मिनिमम सिलेबस परिपूर्ण नहीं है। इसमें छात्रों के लिए आवश्यक कंटेंट नहीं है। यह भी कहा गया कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विपरीत है। गौरतलब है कि बीते दिनों विज्ञान संकाय ने भी कामन मिनिमम सिलेबस को खारिज कर दिया था। शिक्षकों का कहना है कि विधि संकाय में बार काउंसिल द्वारा स्वीकृत सिलेबस ही पढ़ाया जा सकता है। इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा भेजा गया कॉमन मिनिमम सिलेबस लखनऊ विश्वविद्यालय के लगभग सभी विभागों ने खारिज कर दिया है।
यह सिलेबस उच्च शिक्षा के हित में नहीं
लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) अध्यक्ष डा. विनीत वर्मा ने मांग की है कि सरकार कामन मिनिमम सिलेबस वापस ले। यह छात्रों तथा उच्च शिक्षा के हित में नहीं है। इसकी अवधारणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के विपरीत है। इसको लागू करने का मतलब है कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को नहीं मानते।
'विज्ञान संकाय की तर्ज पर ही कला संकाय बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने कामन मिनिमम सिलेबस को स्वीकार नहीं किया है। - प्रो. तृप्ता त्रिवेदी, डीन आर्ट्स, लविवि