Move to Jagran APP

Lockdown 4 Lucknow News: लॉकडाउन स्पेशल संगीत यात्रा...जिंदगी की ताल के साथ जागरूकता के सुर

Lockdown 4 Lucknow News लॉकडाउन के समय कलाकार संगीत से सकारात्मकता का संदेश दे रहे हैं। कलाकारों का संदेश साफ है घर पर ही रहें घर पर ही सुनें।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 03:06 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 03:06 PM (IST)
Lockdown 4 Lucknow News: लॉकडाउन स्पेशल संगीत यात्रा...जिंदगी की ताल के साथ जागरूकता के सुर
Lockdown 4 Lucknow News: लॉकडाउन स्पेशल संगीत यात्रा...जिंदगी की ताल के साथ जागरूकता के सुर

लखनऊ [दुर्गा शर्मा]। Lockdown 4 Lucknow News: गीत सुनाती धड़कन, सांसों में मधुर धुन। सुर है कुदरत के कण-कण में, क्षण-क्षण में बदलती सरगम...। ऐसे ही कोरोना काल में बदली जिंदगी की ताल के साथ जागरूकता के सुर सज रहे हैं। लॉकडाउन के समय संगीत से सकारात्मकता का संदेश दिया जा रहा। कलाकारों का संदेश साफ है, घर पर ही रहें, घर पर ही सुनें...। आइए आपको भी ले चलते हैं लॉकडाउन स्पेशल संगीत यात्रा पर...

loksabha election banner

पूरा होने वाला है गीतों का शतक

लॉकडाउन में 21 दिन 21 गाने से शुरू हुई संगीत यात्रा आगे ही बढ़ती जा रही है और अब तो गीतों का शतक भी पूरा होने वाला है। इस अभियान में छोटे-बड़े हर तरह के कलाकार शामिल होते जा रहे हैं। ये सांगीतिक यात्रा कोरोना के खिलाफ जंग में वरिष्ठ संगीतकार केवल कुमार और गीतकार अशोक हमराही का सकारात्मक कदम है, जो ये संदेश देता है कि रचनात्मकता को कभी भी लॉकडाउन नहीं किया जा सकता। संगीत की धारा सतत् प्रवाहित होती रहती है, उसे बांधा नहीं जा सकता। वैसे तो हर संगीत प्रेमी अपने स्तर से संगीत की धारा प्रवाहित कर रहा, लेकिन इस सुरों की यात्रा की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि इसमें हर दिन नये गीत लोगों तक पहुंच रहे हैं, नई शब्द रचना और नए कंपोजीशन के साथ। केवल कुमार कहते हैं, लॉकडाउन में घर पर रहते हुए सीमित साधनों में लाइव गीत रिकॉर्ड करना आसान नहीं है, ये हमारे गायक कलाकारों ने संभव कर दिखाया है। बेटे अमिताभ श्रीवास्तव के साथ ही राहुल श्रीवास्तव का टेक्निकल सपोर्ट भी खूब रहा।

इन्होंने दी आवाज 

ऊषा मंगेशकर, उषा टिमोथी, शारदा, दिलराज कौर, आरती मुखर्जी, मधुश्री, अनूप जलोटा, प्रीथा मजूमदार, संजीवनी, चंदन दास उस्ताद इलियास खान, डॉ. िहरिओम, मालविका हरिओम, डॉ. सृष्टि माथुर, दिल्ली से शिल्पी माथुर और डाॅ. पूजा दीवान, इंदौर से नूपुर पंडित, पूना से राहुल श्रीवास्तव, कोलकाता से रत्ना चटर्जी, देब्रजी चक्रवर्ती, सबीना इस्लाम, रामपुर से उस्ताद शखावत हुसैन खान, गोरखपुर से पंडित शरद मणि त्रिपाठी, अजय शर्मा और राकेश श्रीवास्तव, मुंबई से ध्रुपद गायक पंडित सुखदेव चतुर्वेदी, अनूजा, दिल्ली से डॉ. राज्यश्री बनर्जी, मीनू खरे, रश्मि श्रीवास्तव, वाराणसी से सरोज वर्मा। इसके अलावा किशोर चतुर्वेदी, स्वाति रिजवी, मिथलेश लखनवी, अमिताभ श्रीवास्तव, तुहिना श्रीवास्तव और वेदिका श्रीवास्तव आदि से सुरों गीत सजे।

कुछ गीत

कोरोना जा जा रे जा..., सखी री अभी घर से ना निकला करो..., कोरोनासुर मर्दिनी..., सुनो-सुनो भइया..., कोरोना का नाश करो मां..., कोरोना से बचो रे भइया..., नहीं निकरो घर से मोरे सैंया..., कोरोना को दूर भगाए ओम नम: शिवाय..., इधर-उधर अब फिरो न बुरी नजर लग जाएगी घूम रहा है कोरोना... आदि।

राग गौड़ सारंग में घर पर रहने का संदेश

शुरू में जब कोरोना के बारे में सुना और फिर लॉकडाउन हुआ तो मन अनेक चिंताओं और आशंकाओं से घिर गया। ऐसे में संगीत की शिक्षा के लिए अपने विद्यार्थियों को बुलाना भी संभव नहीं था, लिहाजा फौरन ही टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दीं। लॉकडाउन में मिले समय का सदुपयोग करते हुए आभा सक्सेना ने अपने संगीत आधारित लेखन कार्य के साथ ही सुर साधना को और प्रगाढ़ कर दिया। दस-बारह रागों में स्वयं स्वर व शब्द संयोजन कर बड़े ख्याल, छोटे ख्याल, तराना, चतुरंग , तिरवट और ध्रुपद धमार भी रच डाले। इसके अलावा एक नया राग भवानी जो राग के नियम के अपवाद स्वरूप चार स्वरों का राग है, उसमें मां दुर्गा की स्तुति छोटे ख्याल के रूप में रची है, ताकि मां भवानी जगत पर अपनी कृपा बनाए रखें। आभा कहती हैं, इस लॉकडाउन में मैंने अपनी कार्यक्षमता को और बढ़ाया है। हर दिन चार-पांच घंटे लेखन कार्य को दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है। मेरी किताब नव्य संगीत प्रवीण के दोनों भाग व नव्य संगीत प्रवेशिका में ही लगभग 200 बंदिशें छप चुकी हैं। अब नव संगीत परिचय और नव्य संगीत प्रभाकर दोनों पुस्तकें समापन की ओर हैं। साथ ही कोरोना वायरस पर राग गौड़ सारंग में जागरूकता संदेश देते हुए गीत रचा, जो कि आकाशवाणी में भी प्रसारित हुआ.. .

ये हैं गीत के बोल 

निकलो ना तुम अब घर से

मोरी गुइयां.. .

असुर कोरोना घूमत बाहर

घर मा बैठो सब मिल कर

मोरी गुइयां.. .

घातक कोरोना घात लगाए

निकलो ना तुम अब घर से

मोरी गुइयां...

आग का दरिया पार करेंगे

इस दुश्मन को हम, जीत ही लेंगे

सूरज देगा फिर से नई ऊर्जा

पर, अभी ना निकलो घर से

मोरी गुइयां...।

सोशल मीडिया पर छाए गीत

विरह वेदना हो या हास्य के रंग...नवरस मौजूद हैं यहां। लोक गायिका संजू सिंह के लॉकडाउन स्पेशल गीत सोशल मीडिया पर धूम मचाए हैं...

जन जागरण गीत : रुक जाओ भाई, रुक जाओ बहनों, जहां हो वहीं...अगर तूं न रुका तो रुक जाएगी जिंदगी... और चीन देश से आया कोरोना...।

कामगार परिवार की व्यथा : अब नाहीं जाए देहिब तोहके शहरिया में...एके संगे रहल जाई, गऊवें जवरिया में...।

पुलिस सम्मान गीत : सईयां मोर सिपहिया रे...चौबीस घंटा ड्यूटी करे...।

भारत गौरव गीत : कोरोना न जाने अब का-का कराई...अमेरिका जईसन देश मांगे भारत से दवाई

कोरोना योद्धाओं को समर्पित गीत : इंसानों के लिए जिन्होंने किया रात-दिन काम, कोरोना के योद्धाओं को हम दिल से करें प्रणाम...।

विरह गीत : जिंदगी की राहों में मजबूर हो गए, अपनों से अपने ऐसे दूर हो गए...।

किसानों की लाचारी पर विदेशिया गीत : चउपट रोजगार भइले, लोगवा लचार भइले...।

कामगार भाइयों पर गीत : हम रह लेंगे उपवास, मगर परदेस न जाएंगे...।

पलायन पर गीत : ओ मेरे कामगार भाइयों जाना नहीं, शहर छोड़े के...।

हास्य व्यंग्य भी

उठो लाल अब आंखें खोलो

बर्तन मांजो, कपड़े धो लो

झाड़ू लेकर फर्श बुहारो

और किचेन में पोछा मारो...।

इस पति चालीसा रचना को अब तक 15 करोड़ से ज्यादा लोग देख चुके हैं। विभन्न सोशल साइट्स पर 5000 हजार से ज्यादा वीडियो बन चुके हैं। केवल टिक टॉक पर ही 1900 से ज्यादा वीडियो बने हैं। अन्य सोशल साइटों पर भी यह गीत धूम मचाए है। इसके अलावा आलसी पतियों को झकझोर देने वाली हास्य व्यंग्य रचना हे पति देव तुम मेरे प्राण प्रिय हो...और सरकारी नीतियों पर व्यंग्यात्मक गीत लॉकडाउन की आड़ में, कोरोना जाए भाड़ में... को भी लोग खूब पसंद कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.