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Ajit Singh Murder Case: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, हत्‍या की साज‍िश का आरोप

पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के मामले में लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने जौनपुर से बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। धनंजय सिंह के खिलाफ हत्या की साजिश में शामिल होने का केस भी दर्ज किया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 03:52 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 07:29 AM (IST)
Ajit Singh Murder Case: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, हत्‍या की साज‍िश का आरोप
मुख्‍य शूटर ग‍िरधारी का पुल‍िस पहले ही एन्‍काउंटर कर चुकी है।

लखनऊ, जेएनएन। मऊ जिले के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की लखनऊ में छह जनवरी को गैंगवार में हुई हत्या के मामले में पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह पर शिंकजा कस गया है। अजीत सिंह की हत्या में शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर के एनकाउंटर के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। इस केस में धनंजय सिंह के खिलाफ हत्या की साजिश में शामिल होने का केस भी दर्ज किया गया है। 

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लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने धनंजय सिंह की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। इस केस में लखनऊ पुलिस ने धनंजय को हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाया है। पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के मामले में लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने जौनपुर से बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। लखनऊ में गैंगवार में अजित सिंह की हत्या में शामिल एक शूटर का इलाज करने वाले सुल्तानपुर के डॉ. एके सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह ने ही उन्हेंं फोनकर घायल शूटर के इलाज के लिए कहा था। उन्हेंं नहीं पता था कि घायल व्यक्ति अपराधी है और उसे गोली लगी है। डॉक्टर एके सिंह पर आईपीसी 176 की कार्रवाई के बाद पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हेंं थाने से छोड़ा गया था। 

डॉक्टर के बयान के बाद पुलिस यह मानकर चल रही थी कि अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय सिंह ने न सिर्फ शूटर्स मुहैया करवाए बल्कि उन्हेंं पुलिस से बचाने की भी कोशिश की। इस प्रकरण में पुलिस ने पूछताछ के लिए धनंजय को नोटिस भी भेजा था। जब धनंजय सिंह ने इसका संज्ञान नहीं लिया तो कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। माना जा रहा है कि अब लखनऊ पुलिस जल्द धनंजय सिंह को गिरफ्तार करेगी। 

गिरधारी को दिल्ली में गिरफ्तार कराने में भी 'खेल'

सूत्रों के अनुसार मुठभेड़ में मारे गए गिरधारी उर्फ डाक्टर को दिल्ली में गिरफ्तार किए जाने के पीछे भी बड़ा खेल हुआ था। गिरधारी को यूपी से दिल्ली ले जाया गया था। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने उसे दबोच लिया था। इसके पीछे भी पूर्व सांसद की संलिप्तता की बात कही जा रही थी। पुलिस रिमांड पर असलहा बरामदगी के दौरान गिरधारी ने भागने की कोशिश की और विभूतिखंड पुलिस से हुई मुठभेड़ में वह मारा गया था। 

कई मददगार आएंगे जद में 

धनंजय सिंह का नाम सार्वजनिक होने के बाद इस मामले में कई अन्य लोगों के खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई की तैयारी कर रही है। हमलावरों को शरण देने के आरोप में पुलिस कुछ लोगों के नाम एफआइआर में बढ़ाएगी। सूत्रों का कहना है कि शूटरों को जिन लोगों ने वाहन अथवा अन्य संसाधन उपलब्ध कराए थे, उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। 

धनंजय पर हैं पांच मामले

पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर दर्ज मुकदमों की लंबी फेहरिस्त है। हालांकि, अधिकांश मामलों में वह दोषमुक्त हो चुके हैं। धनंजय पर पहली एफआइआर वर्ष 1991 में जौनपुर के लाइन बाजार थाने में दर्ज हुई थी। धनंजय पर लखनऊ के अलग-अलग थानों में करीब 18 मुकदमे दर्ज हुए थे। अधिकांश मामले छात्र राजनीति के समय के थे, जिनमें वह दोषमुक्त हो चुके हैं। वर्ष 2002 में हुसैनगंज कोतवाली में दर्ज जानलेवा हमले के एक मामले को शासन की अनुमति के बाद वापस ले लिया गया था। इसी तरह जौनपुर के लाइन बाजार थाने में दर्ज गैंगेस्टर एक्ट का मुकदमा भी शासन ने वापस ले लिया था। धनंजय के खिलाफ वर्तमान में करीब पांच मुकदमे विचाराधीन हैं।

गौरतलब है कि लखनऊ में बीती छह छह जनवरी की रात विभूतिखंड क्षेत्र में कठौता चौराहे के पास मऊ जिले के गोहना के पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह और उसके साथी मोहर सिंह पर कुछ शूटर्स ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। अजीत सिंह को 25 गोलियां मारी गई थीं। इस मामले में मोहर सिंह की तहरीर पर आजमगढ़ के कुंटू सिंह, अखंड सिंह, शूटर गिरधारी समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस अब चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्य शूटर गिरधारी को दिल्ली ने गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने लखनऊ में 16 फरवरी को मुठभेड़ में ढेर किया था। दिल्ली पुलिस ने शूटर गिरधारी को सीजेएम कोर्ट में पेश किया था। उसके बाद वहां से उसे लखनऊ जिला जेल भेज दिया गया। शनिवार सुबह 11 बजे उसे रिमांड पर 16 फरवरी सुबह 11 बजे तक लिया गया था। पुलिस अभिरक्षा से फरार होने की कोशिश में 15 फरवरी सोमवार तड़के करीब तीन बजे मार गिराया गया। इस रिमांड के दौरान गिरधारी ने कुंटू सिंह और सफेदपोश का पूरा कनेक्शन बताया था। 


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