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Defence Expo 2020: आर्टी गन धनुष और होवित्जर एम-777 पहुंचीं लखनऊ, ये है खासियत

Defence Expo 2020 डिफेंस एक्सपो के लिए लखनऊ पहुंचने लगे हथियार। विदेशी मेहमान भी एक्सपो स्थल पहुंच कर रहे तैयारी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 02:31 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 02:31 PM (IST)
Defence Expo 2020: आर्टी गन धनुष और होवित्जर एम-777 पहुंचीं लखनऊ, ये है खासियत
Defence Expo 2020: आर्टी गन धनुष और होवित्जर एम-777 पहुंचीं लखनऊ, ये है खासियत

लखनऊ, जेएनएन। Defence Expo 2020: मेक इन इंडिया के तहत तैयार की गई विश्व की मारक आर्टीलरी गन में से एक धनुष आखिरकार पहली बार लखनऊ पहुंच गई। साथ ही चिनूक हेलीकॉप्टर से पहाड़ी मोर्चों पर तैनात की जाने वाली अमेरिका की बनी एम-777 अल्ट्रालाइट होवित्जर भी डिफेंस एक्सपो स्थल के जद में आ गई। साथ ही विदेशी मेहमानों के डिफेंस एक्सपो स्थल पर आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।

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डिफेंस एक्सपो वृंदावन योजना के सेक्टर 15 में पांच से आठ फरवरी तक किया जाएगा। लखनऊ में पहली बार आयोजित होने जा रहे इस एक्सपो में 788 भारतीय और 144 विदेशी कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। एक्सपो में एक तरफ जहां मेक इन इंडिया के तहत हल्के लड़ाकू विमान तेजस का जलवा दुनिया देखेगी। वहीं स्वदेशी युद्धक टैंक अर्जुन सेना की क्षमता का परिचय कराएंगे। वहीं भारतीय आयुध फैक्ट्री में तैयार आर्टीलरी गन धनुष पहली बार डिफेंस एक्सपो का हिस्सा बनेगी। मारक हथियारों के एक्सपो स्थल पर आने का सिलसिला मंगलवार से शुरू हो गया है। हथियारों के साथ विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि भी आ गए हैं। वह अपने तय स्टालों में हथियारों को लगाने में जुट गए हैं। 

 

इसलिए खास होगी धनुष

भारत में बनी यह 155 एमएम होवित्जर आर्टीलरी तोप है। इसको गन कैरेज बोर्ड ने डिजाइन किया है। यह 15 सेकेंड में तीन राउंड तक फायर कर सकती है। धनुष की मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है। माना जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली आर्टीलरी गन में से एक है।  

 

एम-777 गन

यह अमेरिका की बनी 155 एमएम गन है। जिसका उत्पादन भारत में मेक इन इंडिया के तहत होगा। इस गन का राजस्थान के पोखरण फायङ्क्षरग रेंज में सफल परीक्षण पिछले साल 10 दिसंबर को किया गया था। बोफोर्स होवित्जर तोप के बाद यह विदेश से आने वाली पहली आर्टीलरी गन है। इसकी मारक क्षमता 30 किलोमीटर तक है। इस गन को सर्विस एयरक्राफ्ट से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। अमेरिका से लाए गए चिनूक हेलीकॉप्टरों से भी यह तोप दुर्गम पहाडिय़ों पर तैनात की जा सकती है। 

एक्सपो में दिखेंगे यह घातक हथियार

  • सूरन : एक मानवरहित टेली ऑपरेटेड कॉम्बैट व्हीकल। इस व्हीकल और इसमें लगी गन को रिमोट, मोबाइल कंट्रोल स्टेशन और आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस निवाटा से किया जा सकता है। इस 500 सीसी इंजन वाले व्हीकल में लंबी रेंज के कैमरे, प्रोसेसर्स, सेंसर, पावर बैकअप, बिल्ट इन जनरेटर लगे हैं। 
  • मिल्कर : यह कम्बैट व्हीकल बारूदी सुरंग के हमले के बीच भी 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ सकता है। कुल 10 जवानों के साथ यह व्हीकल 200 लीटर ईंधन भरने पर एक हजार किमी. तक जा सकता है। इसमें रिमोट वेपन स्टेशन लगा है। जिससे ऑटोमेटिक ग्रेनेड लांचर व एम 2.50 कैलिबर से स्मोक ग्रेनेड की फायङ्क्षरग हो सकती है। 
  • हाइब्रीड बिहो : यह कोरियन कंपनी का सेल्फ प्रोपेल्ड गन एयर डिफेंस सिस्टम है। यह 30 एमएम की दो गन से लैस है। इससे दुश्मनों के एयरक्राफ्ट को मार गिराने वाले गाइडेड मिसाइल भी लांच की जा सकती है। यह गन एक मिनट में 1200 राउंड फायर गोलियां कर सकती है। 
  • मडियम टैंक के21-101 : कोरियन कंपनी का यह मीडियम टैंक 105 एमएम गन से लैस है। यह मीडियम टैंक पैदल सेना को कवर देने में अहम किरदार निभाता है। एंटी टैंक मिसाइल से लैस इसकी गन पांच किलोमीटर तक मार कर सकती है। 

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