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गुलाबी ठंड की दस्तक के साथ और जहरीली हुई यूपी के शहरों में हवा, खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI

वायु प्रदूषण में जब भी एक्यूआइ 150 से ऊपर पहुंचता है वह मनुष्यों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इस समय तो उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में हालत और भी ज्यादा खराब हैं। ज्यादातर शहरों का एक्यूआइ 300 से ऊपर है। लगातार स्थिति खराब हो रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 06:24 AM (IST)
गुलाबी ठंड की दस्तक के साथ और जहरीली हुई यूपी के शहरों में हवा, खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI
राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों की हवा और जहरीली हो गई है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। सर्दी के मौसम की दस्तर के साथ राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों की हवा और जहरीली हो गई है। ज्यादातर शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) अत्यधिक खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। इस समय आगरा, बागपत, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी आदि शहरों में स्थिति बेहद गंभीर होने लगी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के प्रमुख शहरों में एक्यूआइ 400 के करीब है।

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वायु प्रदूषण में जब भी एक्यूआइ 150 से ऊपर पहुंचता है वह मनुष्यों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इस समय तो हालत और भी ज्यादा खराब हैं। ज्यादातर शहरों का एक्यूआइ 300 से ऊपर है। लगातार स्थिति खराब हो रही है। करीब 15 दिन पहले ही प्रदेश के ज्यादातर शहरों का एक्यूआइ 150 से 200 के आस-पास था। लाख कोशिशों के बावजूद अभी भी कई जिलों में पराली जलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इससे भी स्थिति और बदतर हो रही है।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिए निर्देश : राजधानी लखनऊ की स्थिति भी दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है। यहां पर शुक्रवार को एक्यूआइ 219 रहा। आगरा स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। यहां एक्यूआइ 346 पर पहुंच गया है। बढ़ते वायु प्रदूषण को देख प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण सुधीर गर्ग की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग कमेटी ने सर्वाधिक प्रदूषित 16 शहरों के जिलाधिकारियों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों व नगरीय निकायों के अफसरों को तत्काल स्थिति संभालने के निर्देश दिए हैं। कमेटी ने प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आने के लिए कहा है। शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए बनी कार्ययोजना को ठीक से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

पराली जलाने की 702 घटनाएं आईं सामने : अक्टूबर महीने में ही पराली जलाने की 702 घटनाएं सामने आईं हैं। इनमें 315 एफआइआर हुई हैं। कुल 13,47,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि 6,47,000 रुपये वसूले जा चुके हैं। पराली जलाने की घटनाओं को रोक पाने में नाकाम रहे 227 अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। हालांकि जिम्मेदार यह कहते हैं कि पिछले वर्ष यानी 2019 में अक्टूबर महीने में ही 1025 घटनाएं पराली जलाने की हुईं थीं। वहीं, 2018 में 1623 व 2017 में 2367 घटनाएं इसी दौरान रिपोर्ट की गईं थीं।

यूपी के शहरों में वायु प्रदूषण

  • शहर : एक्यूआइ (30 अक्टूबर)
  • आगरा : 346
  • बागपत : 351
  • बुलंदशहर : 313
  • गाजियाबाद : 382
  • ग्रेटर नोएडा : 394
  • हापुड़ : 251
  • कानपुर : 243
  • लखनऊ : 219
  • मेरठ : 300
  • नोएडा : 379
  • मुजफ्फरनगर : 253
  • मुरादाबाद : 262
  • वाराणसी : 245
  • (स्रोत-केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड)

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