भाषा विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए ऑनलाइन करें आवेदन, जानें यूजी व पीजी की अंतिम तिथि
ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया शुरू। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रवेश शुल्क जमा कर अपना पंजीकरण करवाएं विद्यार्थी। 15 जून तक यूजी व 30 जून तक पीजी में लिए जाएंगे दाखिले। एकेटीयू में दस दिवसीय पायलट फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम 12 से।
लखनऊ, जेएनएन। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में मंगलवार से विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। विवि प्रवेश समिति के समन्वयक प्रो सौबान सईद ने बताया कि विश्वविद्यालय का प्रोस्पेक्टस विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करा दिया गया है। आवेदन प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जाएगी। सभी विद्यार्थी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रवेश शुल्क जमा कर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित ई-पोस्टर भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट, फेसबुक पेज एवं विद्यार्थियों के वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से विद्यार्थियों तक भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्नातक विषयों के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 15 जून तथा परास्नातक विषयों के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 30 जून रखी गई है। इसमें प्रदेश सरकार के कोविड-19 दिशानिर्देशों को देखते हुए परिवर्तन किया जा सकता है।
एकेटीयू में दस दिवसीय पायलट, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम 12 से: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) एवं स्ट्रेटेजिक, बंगलौर के संयुक्त तत्वाधान में दस दिवसीय ऑनलाइन पायलट फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। एकेटीयू के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने बताया कि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजन का मकसद इंडस्ट्री और एकेडमिया के बीच के गैप को कम करने के लिए विवि के शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है। विवि के सहायक आचार्य डॉ अनुज शर्मा ने बताया कि प्लेसमेंट के बाद विद्यार्थियों को इंडस्ट्री में एक विशेष प्रकार की ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। इस तरह के एफडीपी के आयोजन से शिक्षकों को इंडस्ट्री के अनुरूप अध्यापन के लिए प्रशिक्षित करने की पहल की गयी है। उन्होंने बताया कि एफडीपी में क्रिएटिव टीचिंग-लर्निंग, इनोवेशन बेस्ड एप्रोच, प्रोडक्ट बेस्ड लर्निंग और इंडस्ट्री इन्ट्रेक्शन आदि विषयों पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बुधवार से शुरू हो रही एफडीपी में लगभग 21 सम्बद्ध संस्थानों के शिक्षक शामिल हो रहे हैं।