Central Health Ministry Survey: एक व्यक्ति के शरीर से आठ लोगों को मिल सकती है जिंदगी, अंगदान के ये हैं फायदे
लखनऊ में गोमती नगर स्थित होटल ताज महल में अपोलोमेडिक्स अस्पताल की ओर से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बताया गया कि एक व्यक्ति के शरीर से आठ लोगों की जिंदगी को बचाया जा सकता है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। हर साल देश में पांच लाख लोगों को विभिन्न अंगों के प्रत्यारोपण की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन अंगदान करने वालों की संख्या बेहद कम है। किसी मृत व्यक्ति से लिए गए लिवर को दो हिस्सों में बांटकर और दो किडनियों, फेफड़ों, दिल और अग्नाशय के प्रत्यारोपण से कुल आठ लोगों की जान बचाई का सकती है। इस पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से अपोलोमेडिक्स अस्पताल की ओर से गोमती नगर स्थित ताजमहल होटल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस दौरान अपोलोमेडिक्स अस्पताल के सीईओ और एमडी डा. मयंक सोमानी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सर्वेक्षण में पाया गया है कि प्रतिवर्ष लगभग दो लाख किडनी प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे मरीजों में छह हजार व्यक्तियों को ही गुर्दा मिल पाता है। इसके अलावा लिवर खराब होने या कैंसर की वजह से दो लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। इनमें सिर्फ 30 हजार व्यक्तियों को प्रत्यारोपण किया जा सकता है लेकिन सिर्फ डेढ़ हजार लोगों को ही लिवर मिल पाता है।
50 हजार व्यक्तियों को हृदय प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, लेकिन सिर्फ 10 से 15 मरीजों को ही हृदय मिल पाता है। हमें अंगदान के लिए समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। अपोलोमेडिक्स अस्पताल के नेफ्रोलोजी और किडनी प्रत्यारोपण के निदेशक डा. अमित गुप्ता ने बताया कि लिवर एक ऐसा अंग है जो एक हिस्सा निकल जाने के बाद भी चार हफ्तों में अपने पहले के स्वरूप में आ जाता है इसलिए सामान्य स्वस्थ व्यक्ति भी अपने नजदीकी रिश्तेदार को लिवर दान कर सकता है।