भाजपा सांसद रमा देवी के पक्ष में मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा, कहा-माफी मांगे आजम खां
अपर्णा यादव ने कहा कि आजम खां बड़े नेता हैं। अभद्र बयान पर उनको रमा देवी से माफी मांगनी चाहिए। आजम खां साहब अगर मांफी मांग लेंगे तो उनका कद कम नहीं हो जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में लंबे समय से चर्चित रहे आजम खां लोकसभा में अध्यक्ष के पद पर आसीन भाजपा की महिला सांसद रमा देवी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर बड़े विलेन बन गए हैं। रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खां को अब मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू ने इस प्रकरण में माफी मांगने की सलाह दी है।
अपर्णा यादव ने कहा कि आजम खां बड़े नेता हैं। इस अभद्र बयान पर उनको रमा देवी से माफी मांगनी चाहिए। अपर्णा ने कहा कि आजम खां साहब अगर मांफी मांग लेंगे तो उनका कद कम नहीं हो जाएगा। अपर्णा यादव ने कहा कि मुझे लगता है कि आजम खान साहब काफी मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं। उन्हें इस तरीके की बात नहीं कहनी चाहिए थी. अगर वो (रमा देवी) माफी के लिए कह रही हैं तो उन्हें माफी मांग लेनी चाहिए।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव से ज्यादा अपने चाचा ससुर शिवपाल यादव की करीबी अपर्णा ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा। उन्हें उकसाया भी नहीं गया और एक अच्छे वक्ता माने जाते हैं। आजम खां को पता होना चाहिए कि संसद में उनसे कैसे व्यवहार की उम्मीद की जाती है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
इससे पहले भी जब आजम खां ने रामपुर में जया प्रदा के अंत: वस्त्र को लेकर जनसभा में अशोभनीय टिप्पणी की थी तब भी अपर्णा ने विरोध जताया था और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव से आजम खां के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। अपर्णा यादव की राजनीति में सक्रिय हैं, वह लखनऊ कैंट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं।
आजम खां को लोकसभा में अध्यक्ष के पद पर आसीन महिला सांसद पर अभद्र टिप्पणी करने के लिए ना सिर्फ सदन में विरोध का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि देश भर में उनकी बड़ी किरकिरी हो रही है। समाजवादी पार्टी के समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने आजम खां को उनके विवादास्पद बयान के लिए माफी मांगने की सलाह दी है। आजम खां उत्तर प्रदेश की महिलाओं के निशाने पर भी आ गए हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमडब्ल्यूपीएलबी) की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने आजम खां के बयान को शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐहसास होना चाहिए था कि वे अध्यक्ष को संबोधित कर रहे थे ना कि एक महिला या अपनी बहन को। युवा पीढ़ी के लिए वे क्या उदाहरण तैयार कर रहे हैं? अगर संसद में महिलाओं को ऐसे निशाना बनाया जाएगा, तो बाहर उनकी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा। मुझे लगता है कि उन्हें कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए जिससे ऐसी घटना दोबारा ना हो।
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