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कानून-व्यवस्था और किसान मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ़ा उत्तर प्रदेश विधानमंडल का प्रश्नकाल

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को कानून-व्यवस्था व किसानों की समस्याएं जैसे मुद्दे लेकर विपक्ष ने यूपी विधानसभा में तेवर दिखाए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 06:41 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 08:16 PM (IST)
कानून-व्यवस्था और किसान मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ़ा उत्तर प्रदेश विधानमंडल का प्रश्नकाल
कानून-व्यवस्था और किसान मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ़ा उत्तर प्रदेश विधानमंडल का प्रश्नकाल

जेएनएन, लखनऊ। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को कानून-व्यवस्था व किसानों की समस्याएं जैसे मुद्दे लेकर विपक्ष ने विधानमंडल के दोनों सदनों में तेवर दिखाए। भारी हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका और विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करने के बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार 11 बजे तक स्थगित कर दी गयी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में सरकार विरोधी स्लोगन लिखे पोस्टर लेकर पहुंचे कांग्रेस व सपा  दस्यों ने वेल में धरना दिया और नारेबाजी की। बसपा सदस्य अपनी सीटों से शोरशराबा करते रहे। हंगामे के बीच सरकार ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया और अन्य विधायी कार्य निपटाए। विधान परिषद में भी विपक्ष के हंगामे से प्रश्नकाल स्थगित रहा। इसी बीच दिनेश शर्मा ने चालू वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया।

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सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी

इस अल्पकालिक सत्र के पहले दिन मंगलवार को निधन के निर्देश के कारण सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी थी। बुधवार को प्रात: 11 बजे जैसे ही विधान सभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित सदन में पहुंचे तो समूचे विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए कार्यवाही को रोककर बुलंदशहर हिंसा, गन्ना संकट और आजमगढ़ मेंं दलित युवती से सामुहिक दुष्कर्म जैसे मसलों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सपा सदस्य लाल टोपियां पहने थे जबकि कांग्रेसी गांधी टोपी लगाकर आए। महंगी गिट्टी, महंगा बालू, किसान फेंक रहें अपना आलू। किसानों पर चौतरफा मार, पानी बिजली मंहगी, खेत चर रहें खुले सांड। बुलंदशहर के हत्यारों को-फांसी दो, फांसी दो। भाजपा तेरे जमाने में-पुलिस पिट रही थाने में। भाजपा सरकार खा गई रोजगार-नौजवान घूम रहे बेरोजगार। किसान विरोधी ये सरकार नहीं चलेगा-नहीं चलेगी जैसे नारे लिखी तख्तियां सपा व कांग्रेस सदस्यों ने दिखायी तो विधान सभा अध्यक्ष दीक्षित नाराज हो गए और सदन 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जिस पर सपा व कांग्रेस के सदस्य वेल में नारे बाजी करने लगे और धरना देकर बैठ गए।  जबकि बसपा सदस्य अपनी सीट पर खड़े होकर विरोध जता रहे थे। माहौल सामान्य होता न देखकर अध्यक्ष ने 12.20 बजे तक सदन स्थगित कर दिया।

चौपट किए विधानसभा के नियम: दीक्षित 

हंगामा कर रहे विपक्ष को शांत करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने अपने आसन से उठकर कई उठ कर व्यवस्था बनाने को कहा। जब किसी ने नहीं सुनी तो उन्होंने आपत्ति जताते हुए  कहा कि आप लोगों ने विधानसभा के नियमों को चौपट कर दिया। आप तख्तियां लेकर सदन में आए, यह ठीक नहीं। प्रहसन और अनुरोध दोनों एक साथ नहीं चल सकता।

हजार गुना बेहतर कानून-व्यवस्था : खन्ना 

माहौल सामान्य कराने की कोशिश करते संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने पलटवार भी किया। उनका कहना था कि ये लोग कानून-व्यवस्था की बात कर रहे हैं लेकिन, मैं दावे के साथ कहता हूं कि सपा सरकार से एक हजार गुना बेहतर कानून-व्यवस्था है। ये लोग सदन का समय खराब करना चाहते हैं। सरकार हर विषय पर जवाब देने को तैयार है। 

दम होता तो सदन चार दिन नहीं चलाते : इकबाल 

कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष इकबाल महमूद ने कहा कि अगर इनकी बात में दम होता तो ये सदन चार दिन नहीं चलाते। इनकी मंशा ठीक नहीं है। इनके पास कोई जवाब नहीं है। सरकार हर मुद्दे पर फेल हो चुकी  है और अब सदन में जनहित के मसलों पर विपक्ष का सामना करने से कतरा रही है। 

जनविश्वास खो चुकी सरकार : वर्मा

बसपा विधानमंडल दल नेता लालजी वर्मा ने आरोप लगाया कि जनता का विश्वास खो चुकी सरकार अनुपूरक बजट के जरिए अपनी खामियां छिपाना चाहती है। प्रदेश में जंगलराज कायम है। कमजोर वर्ग ही सबसे अधिक प्रताडि़त है और सरकार समस्याओं से मुंह चुरा रही है।

पिछले खर्च का ब्यौरा दे सरकार : लल्लू

कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू ने अनुपूरक बजट को सोची समझी साजिश बताते हुए आरोप लगाया कि पहले सरकार को पिछले बजट के खर्च का ब्यौरा देना चाहिए। सरकार केवल मूर्तियां लगवाने में व्यस्त है जबकि स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा व सड़कों की स्थिति बदहाल है।

विधान परिषद में विपक्ष का हंगामा

विपक्षी दलों के हंगामे के कारण विधान परिषद में प्रश्नकाल स्थगित रहा। हंगामे के बीच ही नेता सदन डॉ.दिनेश शर्मा ने चालू वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। नारेबाजी और शोरशराबा जारी रहने के कारण सभापति रमेश यादव को दोपहर साढ़े 12 बजे सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के सदस्य सिर पर लाल टोपी लगाये और हाथों में सरकार विरोधी नारे लिखीं तख्तियां लहराते हुए सभापति रमेश यादव के आसन के आगे आकर नारेबाजी करने लगे। वे सरकार को किसान विरोधी ठहराने, सूबे में बेरोजगारों को छलने और प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगा रहे थे।

खड़े होकर तख्तियां लेकर नारेबाजी 

उधर नीली टोपियां पहने बसपा सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे थे। कांग्रेस के दीपक सिंह भी नारेबाजी में शामिल थे। समझाने के बाद भी विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहने पर सभापति ने सदन की कार्यवाही पहले 20 मिनट और फिर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान सपा के सदस्य सदन के वेल में बैठ गए। दोपहर 12 बजे जैसे ही कार्यवाही फिर शुरू हुई, विपक्षी दलों ने फिर उसी अंदाज में हंगामा शुरू कर दिया जिस पर सदन को 12.20 बजे तक स्थगित कर दिया गया। दोपहर 12.20 बजे हंगामे के बीच नेता सदन ने अनुपूरक बजट पेश किया और इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।


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