सपा शासन के दौरान पशुधन प्रसार अफसरों की भर्ती में हुआ था बड़ा घोटाला
एसआइटी अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक मंडल में चयन समिति में चार अधिकारी शामिल थे, इनके अलावा अन्य अधिकारियों व लिपिकों से भी पूछताछ की जाएगी।
लखनऊ [आलोक मिश्र]। सपा शासन में जल निगम में हुए भर्ती घोटाले की तरह पशुधन विभाग में भी भर्ती में का बड़ा मामला सामने आया है। हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने वर्ष 2014 में पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती में की जांच विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) को सौंपी है। एसआइटी ने पशुधन विभाग के 17 मंडलों के तत्कालीन अपर निदेशक ग्रेड-टू स्तर के अधिकारियों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है। भर्ती के मूल दस्तावेज भी तलब किए गए हैं। डीजी एसआइटी आलोक प्रसाद ने बताया कि विशेष टीम गठित कर जांच कराई जा रही है।
वर्ष 2014 में पशुधन विभाग में 1198 पदों पर पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती होनी थी। भर्ती परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी बैठे थे। इनमें 1005 चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के बाद पशुधन प्रसार अधिकारी के पद पर ज्वाइन कराया गया था। इस बीच कई परीक्षार्थियों ने नियमावली दरकिनार कर भर्तियां किए जाने का आरोप लगाया था। 34 परीक्षार्थियों ने इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी।
परीक्षा में साक्षात्कार के 20 अंक थे। बाद में ऑनलाइन आवेदन किए जाने थे। आरोप था कि कई अभ्यर्थियों के आवेदन पशुधन विभाग में सीधे भी लिए गए थे। कई अभ्यर्थियों को तो बिना लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुए ही साक्षात्कार के लिए पत्र भेजे जाने के गंभीर आरोप भी लगे थे।शासन ने इसी 20 दिसंबर को इस मामले की जांच एसआइटी से कराने का निर्देश दिया था। एसआइटी ने जांच शुरू कर दी है, जबकि हाईकोर्ट मानीटरिंग कर रहा है।
एसआइटी में निरीक्षक नरेंद्र देव पाठक को जांच सौंपी गई है। जांच में उनके साथ विनोद कुमार त्रिपाठी व रामाधीन सिंह को भी लगाया गया है। एसआइटी ने 28 दिसंबर से आठ जनवरी 2018 के बीच लखनऊ, कानपुर नगर, देवीपाटन, फैजाबाद, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर, इलाहाबाद, झांसी, चित्रकूट, अलीगढ़, आगरा, बरेली मुरादाबाद व मेरठ मंडल के तत्कालीन अपर निदेशकों सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस देकर बयान के लिए तलब किया है।
एसआइटी अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक मंडल में चयन समिति में चार अधिकारी शामिल थे। इनके अलावा अन्य अधिकारियों व लिपिकों से भी पूछताछ की जाएगी। साथ ही तत्कालीन निदेशक, प्रशासन एवं विकास के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। चयन प्रकिया से संबंधित सभी मूल दस्तावेज तलब किए गए हैं। अधिकारियों को बयान दर्ज कराने के लिए एसआइटी मुख्यालय तलब किया गया है।
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लखनऊ मंडल के अधिकारियों से लिए दस्तावेज: एसआइटी ने गुरुवार को लखनऊ मंडल के तत्कालीन अपर निदेशक-ग्रेड टू रुद्र प्रताप व अन्य अधिकारियों से भर्ती संबंधी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए। हालांकि अपर निदेशक के बयान दर्ज नहीं किए जा सके। लखनऊ मंडल में करीब 53 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।