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Annu Tandon Resigns: कांग्रेस छोड़ने के बाद अन्नू टंडन के सामने दो विकल्प, सपा या भाजपा!

Annu Tandon Resigns उन्नाव में वरिष्ठ कांग्रेस नेता के साथ ही समाजसेविका भी पहचान रखने वालीं अन्नू टंडन ने इस्तीफा देने के पीछे प्रदेश नेतृत्व से नाराजगी को वजह बताया है। कांग्रेस के मौजूद प्रदेश नेतृत्व से इसके लिए सहयोग नहीं मिल रहा था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 02:40 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 07:02 PM (IST)
Annu Tandon Resigns: कांग्रेस छोड़ने के बाद अन्नू टंडन के सामने दो विकल्प, सपा या भाजपा!
अन्नू ने जवाब दिया कि अब पार्टी को बहाना तो बनाना ही पड़ेगा। पद लेना होता तो इच्छा जाहिर करती

लखनऊ,[राज्यू ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के उन्नाव क्षेत्र में कांग्रेस का चेहरा मानी जाने वालीं पूर्व सांसद अन्नू टंडन के कांग्रेस छोड़ते ही कयास जोर पकड़ गया कि अब वह किस दल में जाएंगी। इस सवाल को अन्नू टंडन खुद स्वाभावित मानती हैं और कहती हैं कि उनके सामने समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही विकल्प हैं।

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अन्नू टंडन अब अगले तीन-चार दिन में फैसला कर लेंगी कि अब उन्हें किस रास्ते अपनी सियासी पारी आगे बढ़ानी है। यानी दीपावली के त्यौहार से पहले वह बड़ा बम फोड़ देंगी। उन्नाव में वरिष्ठ कांग्रेस नेता के साथ ही समाजसेविका भी पहचान रखने वालीं अन्नू टंडन ने इस्तीफा देने के पीछे प्रदेश नेतृत्व से नाराजगी को वजह बताया है। कांग्रेस के मौजूद प्रदेश नेतृत्व से इसके लिए सहयोग नहीं मिल रहा था।

अन्नू टंडन का कहना है कि इन दिनों प्रदेश मुख्यालय में जो लोग पदों पर बैठे हैं, वह कांग्रेस पार्टी को जानते-समझते नहीं हैं। वह मूल रूप से कांग्रेसी नहीं हैं और उस ढंग से काम भी नहीं करते। इसे लेकर काफी दिनों से पीड़ा थी, लेकिन परिवार की तरह पार्टी से लंबा जुड़ाव होने की वजह से उलझन थी।

पूर्व सांसद का कहना है कि बुधवार देर रात तक कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श होता रहा। अंतत: कांग्रेस से इस्तीफा देने का फैसला ले लिया। अन्नू टंडन 2009 में उन्नाव सांसद रही हैं और प्रदेश की राजनीति में जाना-पहचाना नाम हैं। इस तरह कांग्रेस छोड़कर अब वह किस दल में जा सकती हैं। इस सवाल पर खुद अन्नू ने ही दैनिक जागरण से कहा कि उनके सामने दो विकल्प हैं। वह विचार कर रही हैं कि जनसेवा के लिहाज से उनके लिए समाजवादी पार्टी बेहतर होगी या भारतीय जनता पार्टी।

उनका कहना है कि कांग्रेस छोड़ने का फैसला कार्यकर्ताओं-शुभचिंतकों के विमर्श के बाद लिया है, इसलिए अगले कदम के लिए भी उन सभी से चर्चा करनी है। पूर्व सांसद ने तीन या चार दिन में निर्णय लेकर सार्वजनिक करने की बात कही है। उनका कहना है वह उन्नाव की जनता के लिए काम करना चाहती हैं। उन्नाव में विख्यात खत्री परिवार से संबंध रखने वाले अन्नू टंडन ने यहां पर हर किसी का साथ दिया।

कुछ तो रही होंगी प्रियंका की मजबूरियां

मीडिया को जारी बयान में अन्नू टंडन ने उल्लेख किया कि उनकी राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा से भी बात हुई, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल सका। इस बारे में अन्नू से पूछा कि आखिर ऐसी क्या समस्या थी, जिसे प्रियंका भी नहीं सुलझा सकीं। इस पर वह कहती हैं कि उन्होंने प्रियंका वाड्रा को प्रदेश की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया। जानकारी दी कि प्रदेश नेतृत्व का काम करने का रंग-ढंग कैसा है। यह बताने की कोशिश की थी कि यह स्थिति कांग्रेस के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। इसके बावजूद वह कोई विकल्प या रास्ता नहीं सुझा सकीं। अन्नू का तर्क है कि प्रियंका की कुछ मजबूरियां रही होंगी या फिर वह चीजें उन्हेंं ठीक लग रही होंगी, जो मुझे गलत लग रही हैं।

न पद चाहिए था, न किसी से प्रतिस्पर्धा

अन्नू टंडन के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहना शुरू कर दिया है कि अन्नू टंडन की महत्वाकांक्षा प्रदेश अध्यक्ष बनने की थी। वह रीता बहुगुणा जोशी के बाद से ही इस पद को पाने को आतुर थीं। अध्यक्ष न बन पाने से नाराज थीं। इसके अलावा विधानसभा उपचुनाव में बांगरमऊ से प्रत्याशी बनाई गईं आरती बाजपेयी से भी खुश नहीं हैं, इसलिए पार्टी छोड़ी है। इस पर अन्नू ने जवाब दिया कि अब पार्टी वालों को कोई बहाना तो बनाना ही पड़ेगा। मुझे यदि पद लेना होता तो कभी इच्छा जाहिर करती। मुझे पद की जरूरत नहीं, उन्नाव से सम्मान और प्यार मिला है। यहीं जनता की सेवा कर खुश हूं। इसके अलावा मैं सांसद रही हूं। विधानसभा चुनाव लड़ने वाली कार्यकर्ता से कैसी प्रतिस्पर्धा।

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