हाईकोर्ट के अादेश पर यूपी बोर्ड की मेरिट में उन्नाव की आंचल को सातवां स्थान
इसके बाद आंचल के अंक 93.5 प्रतिशत हो गए और वह प्रदेश की मेरिट में सातवें स्थान पर पहुंच गई। संशोधित प्रमाणपत्र और अंक पत्र मिलने पर विद्यालय व छात्रा के परिवारीजन में खुशी की लहर दौड़ गई।
उन्नाव (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की चूक से इस वर्ष प्रदेश की मेरिट से वंचित रही हाईस्कूल की छात्रा आंचल सिंह को आखिरकार न्याय मिला। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की नोटिस मिलते ही हरकत में आए यूपी बोर्ड ने सुधार कर विज्ञान विषय में 39 अंक और जोड़े। इसके बाद आंचल के अंक 93.5 प्रतिशत हो गए और वह प्रदेश की मेरिट में सातवें स्थान पर पहुंच गई। संशोधित प्रमाणपत्र और अंक पत्र मिलने पर विद्यालय व छात्रा के परिवारीजन में खुशी की लहर दौड़ गई।
त्रिवेणी काशी इंटर कालेज बिहार की निवासी अलावलपुर मंडपहा निवासी छात्रा आंचल सिंह पुत्री अरुण कुमार सिंह को हाईस्कूल की परीक्षा में 522 अंक मिले थे। विज्ञान में 70 में मात्र 23 अंक मिले थे। छात्रा को अपनी मेहनत पर भरोसा था। उसने कॉपी की जांच दोबारा करवाने के लिए स्क्रूटनी का फॉर्म भरा। सुनवाई न होने पर सूचना के अधिकार का प्रयोग किया तो मालूम पड़ा कि अंक पत्र से इतर कॉपी में नंबर ज्यादा हैं। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका डाली गई।
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी की तो यूपी बोर्ड ने सुनवाई से पहले ही अपनी गड़बड़ी सुधारी। विज्ञान में 70 में 62 अंक दर्शाए। इस आधार पर आंचल प्रदेश की मेरिट सूची में सातवें स्थान पर पहुंच गई है। यूपी बोर्ड से संशोधित परीक्षा फल प्रमाण व अंक पत्र जब आंचल को दिया गया तो आंखें खुशी से नम हो गई। विद्यालय के प्रबंधक कमल बहादुर सिंह चौहान, प्रधानचार्य गोवर्धन सिंह, राज बहादुर, आशीष वर्मा आदि ने इस मेधावी का मुंह मीठा कराकर बधाई दी।
सिविल सेवा में जाकर देश की सेवा करना चाहती है
आंचल के पिता अरुण कुमार सिंह की पाटन में ऑटो पाटर््स की दुकान है। मां नीलांजना सिंह गृहणी है। आंचल का कहना है कि संशोधित परिणाम आने से खुशी तो हुई है, मगर यह खुशी पहले ही मिली होती तो बात ही कुछ और होती। उसने सफलता का श्रेय गुरुजन व माता पिता को दिया। आंचल ने सिविल सर्विस में जाकर देश सेवा की बात कही। परिवार और स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह आंचल को मेरिट में आए दूसरे मेधावियों की तरह सम्मानित करें।