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बसपा शासन में चलता था आनंद कुमार का सिक्का, आकाश लोकसभा चुनाव में बने स्टार प्रचारक

मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं तो आनंद कुमार पार्टी में पर्दे के पीछे सक्रिय हो गए। इसी तरह से आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद का नाम आजकल बसपा में सभी की जुबान पर है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 08:46 AM (IST)
बसपा शासन में चलता था आनंद कुमार का सिक्का, आकाश लोकसभा चुनाव में बने स्टार प्रचारक
बसपा शासन में चलता था आनंद कुमार का सिक्का, आकाश लोकसभा चुनाव में बने स्टार प्रचारक

लखनऊ, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के भाई आनंद कुमार नोएडा में क्लर्क की नौकरी में थे। इसी बीच मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं तो आनंद कुमार पार्टी में पर्दे के पीछे सक्रिय हो गए। इसी तरह से आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद का नाम आजकल बसपा में सभी की जुबान पर है।

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आनंद कुमार की चर्चा मायावती की राजनीति चमकने के साथ चौतरफा फैली। प्रदेश में 2007-12 के बसपा शासनकाल में आनंद का दबदबा सर्वाधिक रहा। हालांकि राजनीति से उनका सीधा सरोकार नहीं रहता था परंतु बेहिसाब धन कमाने को लेकर तमाम आरोप लगते रहते थे। दर्जनों कंपनियों में भागेदारी के साथ आनंद कुमार को बड़ी बहन मायावती का दाहिना हाथ माना जाता था। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए आनंद कुमार मायावती के छोटे भाई हैं और मायावती अपने इस भाई पर सबसे ज्यादा भरोसा करती हैं। कई मामलों में आरोपित आनंद एक समय में नोएडा प्राधिकरण में सामान्य क्लर्क हुआ करते थे। उन पर फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये लोन लेने और पैसे को रियल एस्टेट में निवेश कर मुनाफा कमाने का भी आरोप है। 

इससे पहले भी वर्ष 2017 में पहली बार बसपा उपाध्यक्ष बनने से पहले आनंद कुमार पार्टी के सार्वजनिक कार्यक्रमों से हमेशा दूर ही रहते थे। उनको न कभी पार्टी मंच पर बुलाया जाता था और न ही वह राजनीति को लेकर कोई बयान देते थे। उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद उन्हें मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर माना जाने लगा था।

सिंतबर 2017 में मायावती ने भाई आनंद कुमार को बसपा का उपाध्यक्ष बनाने का एलान किया था। इस मौके पर उन्होंने कहा था, मैंने अपने भाई आनंद कुमार को इस शर्त पर बसपा में लेने का फैसला किया है कि वह कभी एमएलसी, विधायक, मंत्री या फिर मुख्यमंत्री नहीं बनेगा। इसके कुछ बाद वह उपाध्यक्ष नहीं रहे।मायावती जब सूबे की मुख्यमंत्री थीं, तब आनंद कुमार की कंपनियां पांव पसार ही थीं। 2007 में मायावती के सीएम बनने के बाद आनंद ने 49 कंपनियां खोलीं। 

स्टार प्रचारक रहे आकाश

सत्रहवीं लोकसभा चुनाव से थोड़ा पहले मायावती के भतीजे आकाश आनंद राजनीति में सक्रिय हुए और बसपा प्रमुख के साथ सार्वजनिक मंचों पर दिखायी देने लगे। मायावती के भतीजे आकाश आनंद को बसपा ने लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया था। वह आनंद कुमार के बेटे हैं। सपा से गठबंधन का ऐलान वाला दिन हो या मायावती का जन्मदिन। लखनऊ में बर्थडे का प्रोग्राम था और आकाश लगातार मायावती के साथ थे। इसी बीज अखिलेश यादव जब मायावती के घर पहुंचे और शॉल व फूल भेंट किया तब भी मायावती के बगल में आकाश थे। तेजस्वी यादव जब मायावती से मिलने लखनऊ आए तो बसपा सुप्रीमो के साथ आकाश भी मौजूद थे। आकाश ने लंदन के एक बड़े कॉलेज से एमबीए का कोर्स किया हुआ है। उनके कहने पर ही मायावती ने ट्विटर पर एंट्री की थी। यूथ को लुभाने के लिए ही उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया था।

 

लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बसपा के लिए रणनीति बनाई। आने वाले समय में वह पार्टी में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। लंदन के एक कॉलेज से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाले आकाश बुआ की मदद के लिए सियासत में आगे आये। मायावती ने चुनाव में उन्हें बसपा का स्टार प्रचारक बना कर अपने साथ रखा।

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मायावती के भाई आनंद कुमार के पुत्र आकाश बसपा सुप्रीमो के जन्मदिन पर, सपा से गठबंधन वाले दिन, राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात के समय और अखिलेश व मायावती के बीच गठबंधन की वार्ताओं के दौरान सक्रिय रहे।

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मायावती की सोशल मीडिया में सक्रियता बढ़ाने का श्रेय भी आकाश को दिया जाता है। लोकसभा चुनाव 2019 में आकाश मायावती की छाया बनकर रहे थे। 

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