सपा मुखिया अखिलेश यादव ने वाराणसी के अमूल प्लांट को बताया समाजवादी पार्टी का प्रोजेक्ट, बोले- कैंचीजीवी हावी
अखिलेश यादव ने लिखा है कि प्रदेश में सपा की सरकार के समय लखनऊ के साथ कानपुर और बनारस में अमूल के प्लांट लगाने का फैसला हुआ था। उन्होंने लिखा कि उस समय जो फैसला हुआ था उसे अमल में लाने में भाजपा सरकार ने पूरा कार्यकाल बिता दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में विकास की अधिकांश योजनाओं को अपनी सरकार के कार्यकाल का प्रोजेकट बताने वाले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अब वाराणसी के विकास कार्यों को भी अपने कार्यकाल का बताया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को वाराणसी में जिस अमूल प्लांट का शिलान्यास किया गया, उसे अपनी सरकार की कार्ययोजना का बताया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है। अखिलेश यादव ने लिखा है कि प्रदेश में सपा की सरकार के समय लखनऊ के साथ कानपुर और बनारस में अमूल के प्लांट लगाने का फैसला हुआ था। उन्होंने लिखा कि उस समय जो फैसला हुआ था उसे अमल में लाने में भाजपा सरकार ने पूरा कार्यकाल बिता दिया है। कैंचीजीवी भाजपा इस सच को छिपाएगी लेकिन कोई अमूल कंपनी से पूछे तो वो 'दूध जैसा य सफेद सच' बताएगी। यूपी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।
सपा के समय लखनऊ, कानपुर और बनारस में अमूल के प्लांट लगाने का जो फ़ैसला हुआ था उसे अमल में लाने में भाजपा सरकार ने पूरा कार्यकाल बिता दिया
कैंचीजीवी भाजपा इस सच को छिपाएगी लेकिन कोई अमूल कंपनी से पूछे तो वो ‘दूध जैसा ये सफ़ेद सच’ बताएगी
यूपी कहे आज का
नहीं चाहिए भाजपा#भाजपा_ख़त्म pic.twitter.com/90Tl4uuqGV— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 23, 2021
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वाराणसी के पिंडरा ब्लाक के करखियांव में 27 योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने जिन 2095.67 करोड़ की 27 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है, उनमें अमूल का प्लांट भी है। अमूल दुग्ध प्लांट से प्रदेश के करीब तीन लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। पिंडरा ब्लाक के करखियांव गांव में जिस अमूल प्लांट की नींव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी उससे उससे पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। शिलान्यास के करीब 18 महीने के बाद यह प्लांट तैयार हो जाएगा। करीब 475 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले इस प्लांट की क्षमता भी चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी। इसके पूरा होने के बाद करीब तीन लाख लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही किसानों व पशुपालकों की आय बढ़ेगी। यहां पर होने वाली दुग्ध क्रांति से समूचे पूर्वांचल की तस्वीर बदलेगी।