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आजादी का अमृत महोत्सव, युवाओं के और करीब पहुंच रही लखनऊ आकाशवाणी की युववाणी

देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा। आकाशवाणी केंद्र भी देश की आजादी के 75 वर्षों के अवसर पर विविध आयोजन कर रहा। इस अमृत महोत्सव का एक और मुख्य उद्देश्य विशेषकर युवाओं को देश के स्वर्णिम इतिहास और आजादी के नायकों की अमरगाथा के बारे में बताना भी है।

By Dharmendra MishraEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 01:00 PM (IST)Updated: Mon, 27 Dec 2021 01:00 PM (IST)
आजादी का अमृत महोत्सव, युवाओं के और करीब पहुंच रही लखनऊ आकाशवाणी की युववाणी
आकाशवाणी लखनऊ का केंद्र लगातार बनता जा रहा युवाओं की वाणी।

लखनऊ, जासं।  देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा। आकाशवाणी केंद्र भी देश की आजादी के 75 वर्षों के अवसर पर विविध आयोजन कर रहा। इस अमृत महोत्सव का एक और मुख्य उद्देश्य विशेषकर युवाओं को देश के स्वर्णिम इतिहास और आजादी के नायकों की अमर गाथा के बारे में बताना भी है। अपने इसी उद्देश्य को लेकर आकाशवाणी का युववाणी कार्यक्रम युवाओं के और करीब पहुंच रहा है। इसमें युवाओं की सहभागिता को और बढ़ाने के लिए कार्यक्रम से जुड़े अहम काम युवाओं को दिए जा रहे हैं। युवाओं से आजादी से जुड़े विषयों पर आलेख आदि आमंत्रित कर उसे प्रसारित किया जा रहा। वहीं, शहर के स्कूल और कालेजों में भी युवाओं की टीम पहुंचकर विद्यार्थियों से संवाद कर रही है।

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आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ही युवाओं पर केंद्रित विशेष कार्यक्रम एयरनेक्सट भी शुरू किया गया। हर रविवार शाम साढ़े सात से प्रसारण होता है। युववाणी में आजादी का अमृत महोत्सव एयर नेक्सट के तहत सबसे पहले ला मार्टिनियर ब्वॉयज इंटर कालेज के विद्यार्थियों की प्रस्तुति हुई थी। इस कार्यक्रम में ला मार्टिनियर ब्वॉयज इंटर कालेज के छात्र प्रसिद्ध, ऊर्ध्व और विनायक ने गेस्ट आरजे की भूमिका निभाई थी। इसके बाद युववाणी की टीम नेशनल पीजी कालेज भी पहुंची और विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। कार्यक्रम प्रमुख मीनू खरे के अनुसार युववाणी आकाशवाणी का एक उपक्रम है, जो पूर्णतया युवाओं पर केंद्रित है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत युवाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे।

गदर के निशां संगीत रूपक का प्रसारणः आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत संगीत रूपक गदर के निशां भी प्रसारित किया जा रहा है। अब तक इसकी नौ कड़ियां प्रसारित हो चुकी हैं। इस संगीत रूपक का लेखन पूर्व में स्व. योगेश प्रवीन ने किया था। वहीं, संगीत हेम सिंह और संयोजन प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी का है। प्रस्तुतकर्ता अरविदं पांडे हैं। रात 10:30 बजे संगीत रूपक का प्रसारण किया जाता है।


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