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सहकारी बंधु सम्मेलन में बोले अमित शाह, घुन की तरह सहकारिता को चाट गयी सपा-बसपा

अमित शाह ने सहकारी बंधु सम्मेलन में इससे जुड़े लोगों को सहकारिता क्षेत्र की बेहतरी के मंत्र दिये और कहा कि सपा-बसपा राज में सहकारिता आंदोलन में घुन लग गया। समितियाां घाटे में चली गयीं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 08:19 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 08:20 PM (IST)
सहकारी बंधु सम्मेलन में बोले अमित शाह, घुन की तरह सहकारिता को चाट गयी सपा-बसपा
सहकारी बंधु सम्मेलन में बोले अमित शाह, घुन की तरह सहकारिता को चाट गयी सपा-बसपा

लखनऊ, जेएनएन। सहकारिता से सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाले अमित शाह ने शनिवार को यहां सहकारी बंधु सम्मेलन में इससे जुड़े लोगों को सहकारिता क्षेत्र की बेहतरी के मंत्र दिये। साथ ही सपा-बसपा और कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोलते हुए कहा कि सपा-बसपा की मानसिकता समितियों पर कब्जे की थी। इसी नाते सर्वाधिक संभावनाओं वाले प्रदेश में सहकारिता आंदोलन में घुन लग गया। समितियां घाटे में चली गयीं। भाजपा के लोगों की मानसिकता इससे जुड़कर सेवा की होनी चाहिए। पूरी पारदर्शिता से न्यूनतम खर्च कर अधिकतम मुनाफा कमाएं। अधिक से अधिक किसानों से जुड़ें। अलग-अलग क्षेत्र में सहकारिता के जरिए संभावनाओं वाले इस प्रदेश में किसानों की खुशहाली का जरिया बनें।

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भाजपा का मकसद किसानों को शोषण से बचाना 

डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शाह ने कहा कि आज अगर गुजरात के विकास का मॉडल दुनिया में नजीर है तो उसके पीछे सहकारिता ही है। गांधी की प्रेरणा से सरदार पटेल ने जिस आंदोलन की शुरुआत की थी, उसका मकसद छोटे-छोटे किसानों को स्थानीय साहूकारों के शोषण से बचाना था। इस मकसद को समझना होगा। शाह ने वहां मौजूद लोगों को संकल्प दिलाया कि वह उप्र में 74 सीटें जीतने के बाद ही जश्न मनाएं। अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सहकारिता की मजबूती के लिए प्रतिबद्ध है। यूपीए सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में सहकारिता के लिए सिर्फ 23 हजार करोड़ मिले थे, जबकि हमने 73 हजार करोड़ रुपये से अधिक दिये हैं। 

बिना सोचे-समझे माखौल उड़ाते राहुल बाबा

शाह ने कहा, राहुल बाबा तो बिना सोचे-समझे माखौल उड़ाते हैं। यूपीए सरकार ने 10 वर्षों में किसानों को सिर्फ 53 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया। हम 75 हजार करोड़ देने जा रहे हैं। वादे के अनुसार उन्होंने कर्नाटक के किसानों का कर्जा नहीं माफ किया। जबकि योगी ने अपने बूते उत्तर प्रदेश में कर्जमाफी के नामुमकिन काम को मुमकिन कर दिखाया। देशी गायों के संरक्षण और संवद्र्धन की लिए 750 करोड़ रुपये से हमने कामधेनु आयोग का गठन किया है। यूपीए के कार्यकाल में हम दुनिया की नौवीं अर्थव्यवस्था थे लेकिन, आज छठें पर हैं। चुनाव के पहले पांचवे पर आ जाएंगे।

पूरा होगा न्यू इंडिया का सपना: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया के सपने के लिए किसानों के जीवन में बदलाव जरूरी है। ऐसा सहकारिता क्षेत्र की मजबूती से ही होगा। पूर्व की सरकारों के डेढ़ दशक के कुशासन ने इस आंदोलन को कमजोर किया। दो दर्जन से अधिक बैंकों के लाइसेंस रद्द हो गये। चीजें अब पटरी पर आयीं हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान-गेहूं की रिकॉर्ड खरीद और भुगतान, कृषि निवेशों की समय से उपलब्धता और अन्य योजनाओं से किसानों का जीवन बेहतर हुआ है। आगे और बेहतर होगा। अतिथियों का स्वागत सहाकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, उप्र के प्रभारी एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, महामंत्री विद्यासागर सोनकर, मंत्री उपेंद्र तिवारी और अन्य लोग मौजूद थे।


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