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भाजपा अध्यक्ष से बात करने को बेकरार ओम प्रकाश को अमित शाह ने दिल्ली बुलाया

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पिछले दो दिनों से अपने बयानों की वजह से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की जमकर फजीहत करवा रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 11:25 AM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 12:33 PM (IST)
भाजपा अध्यक्ष से बात करने को बेकरार ओम प्रकाश को अमित शाह ने दिल्ली बुलाया
भाजपा अध्यक्ष से बात करने को बेकरार ओम प्रकाश को अमित शाह ने दिल्ली बुलाया

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर लगातार कई मौके पर प्रदेश सरकार कर फजीहत करा रहे हैं। तीन दिन से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से फोन से वार्ता करने को बेकरार ओमप्रकाश राजभर को अब अमित शाह ने बात करने के लिए दिल्ली बुला लिया है।

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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पिछले दो दिनों से अपने बयानों की वजह से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की जमकर फजीहत करवा रहे हैं। कल राजभर ने कहा था कि अगर उनकी बातचीत अमित शाह से नहीं होती है तो वह 23 मार्च को राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट नहीं करेंगे। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से नाराज चल रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुलाकात के लिए दिल्ली बुलाया है। इससे पहले राजभर ने कल कहा था कि यदि उनसे अमित शाह ने बात नहीं की तो उनकी पार्टी राज्यसभा चुनाव का बहिष्कार करेगी। पार्टी के चार विधायक किसको वोट देंगे उनको पता नहीं है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली वर्षगांठ के जश्न में भी सुभासपा ने शिरकत नहीं की थी और कहा था कि मथुरा और काशी से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होगा। ओमप्रकाश राजभर से बात करने के लिए संसदीय कार्यमंत्री मंत्री सुरेश खन्ना को लगाया गया था। सरकार से नाराजगी के मामले में ओमप्रकाश राजभर भी अमित शाह के अलावा किसी और से बात करने को तैयार नहीं है।

राजभर ने भाजपा नेताओं पर पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 325 सीटों के नशे में यह लोग पागल होकर घूम रहे हैं। राजभर ने कहा कि राज्यसभा में मत देने की बाबत हमसे न तो भाजपा ने सम्पर्क किया है और न ही विपक्ष ने। हमने विकल्प खुले रखे हैं। हम भाजपा नहीं है, बल्कि अलग पार्टी हैं। गठबंधन धर्म के तहत भाजपा ने न उम्मीदवार तय करते वक्त हमसे पूछा और न ही नामांकन के लिए बुलाया। ये लोग कहते कुछ और हैं...करते कुछ और हैं। संगठन से लेकर सरकार तक के किसी कार्यक्रम में हमें पूछा नहीं जाता, न ही राय ली जाती है। गठबंधन में हम क्या केवल हाजिरी देने के लिए हैं। हम आंख मूंद कर हर फैसले के साथ नहीं खड़े हो सकते।

भाजपा गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही

प्रदेश सरकार में कथित उपेक्षा पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हमलोग सरकार और एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन बीजेपी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है। मैं अपनी बात सबके सामने रख रहा हूं, इसके बाद भी यह लोग 325 सीटों के नशे में पागल होकर घूम रहे हैं। सरकार (यूपी) सरकार का फोकस केवल मंदिरों पर है, गरीबों के कल्याण पर नहीं। हम कैसे भूल जाएं कि विधानसभा चुनाव में गरीबों ने हमें वोट दिए थे। आजकल बात तो खूब हो रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नहीं दिखता। राजभर ने आगाह किया था कि अगर 'बड़ा भाई' यानी भाजपा सुभासपा की समस्याओं को नहीं सुलझाएगी तो वह आगामी राज्यसभा चुनाव का बहिष्कार करेगी। उनका कहना है कि राज्यसभा चुनाव के मसले पर उनकी सपा या बसपा से कोई बात नहीं हुई है।

भाजपा के नौवें उम्मीदवार पर खतरा

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की आठ सीट पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत तय है, लेकिन नौवें उम्मीदवार के लिए भाजपा के पास सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायकों समेत 28 वोट हैं। जीतने के लिए 37 वोट चाहिए। अभी पार्टी को 9 वोट की व्यवस्था करनी है। राजभर अगर साथ नहीं देते तो भाजपा के पास सिर्फ 24 विधायक ही रह जाएंगे। इससे बीएसपी उम्मीदवार आसानी से जीत जाएगा। उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में हार के बाद भाजपा को सूबे की 10 सीटों के लिए इस हफ्ते होने वाले राज्यसभा चुनाव में भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

भाजपा के साथ पिछला विधानसभा चुनाव लडऩे वाली सुभासपा के चार विधायक आगामी राज्यसभा चुनाव में भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं। 403 सदस्यीय विधानसभा में संख्या बल के आधार पर भाजपा 10 में से आठ सीटें आसानी से जीत सकती है, मगर उसने अपना नौवां प्रत्याशी भी खड़ा किया है। सपा और बसपा बाकी दो सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त हैं। कई मौकों पर सरकार के प्रति नाराजगी जता चुके ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा अगर आगामी 23 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट नहीं करती है, तो सत्तारूढ़ दल को अपना नौवां प्रत्याशी जिताने के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। अपना दल (सोनेलाल)' ने स्पष्ट किया है कि पार्टी के सभी नौ विधायक भाजपा प्रत्याशियों को वोट देंगे। प्रवक्ता अरविंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश के व्यापक हित में अपना दल भाजपा के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करेगा।  


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