यूपी के कई जिलों में एंबुलेंस कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार, हजारों मरीज हलकान
मानदेय सुरक्षा बीमा व उपकरणों को लेकर चालक- कर्मचारियों ने ठप किया काम। राजधानी में देर शाम तक चलता रहा मान मनौव्वल मानदेय किया गया जारी।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच एंबुलेंस कर्मियों ने चक्का जाम कर दिया। लोहिया अस्पताल में जीवन रक्षक वाहन खड़ा कर काम ठप कर दिया। ऐसे में स्वास्थ्य अफसरों से लेकर जिला प्रशासन के अफसर पहुंचे। देर शाम तक मान-मनौव्वल का काम चला। इसके बाद आनन-फानन में मानदेय जारी किया। कर्मचारियों का दावा है कि प्रदेशभर के अधिकतर जनपदों में सेवा ठप रही।
प्रदेश में 108-102 एंबुलेंस सेवा संचालन का जिम्मा जीवीकेईएमआरआइ कंपनी के पास है। शहर में 102 की 34 व 108 की 44 एंबुलेंस संचािलत हैं। वहीं चार एएलएस हैं। लॉक डाउन में एंबुलेंस सेवा ही गंभीर मरीजों की लाइफ लाइन हैं। वहीं दोपहर एक बजे के करीब लोहिया हॉस्पिटल के बाहर एंबुलेेंस की कतार लग गईं। जनपद के सभी जीवनन रक्षक वाहन खड़ा कर पायलट, ईएमटी कर्मियों ने प्रदर्शन किया। साथ ही कंपनी पर दो माह से मानदेय न देने का आरोप लगाया।
वहीं कर्मचािरयों की मनमानी कटौती कर शोषण का आरोप लगाया। इस दौरान कॉल सेंटर में हजारों कॉल आती रहीं। मगर, शाम सात बजे तक स्वास्थ्य अधिकारी-जिला प्रशासन के अ अधिकारी कर्मचारियों का मान मनौव्वल करते रहे। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल समेेत एडीएम तक पहुंचे। मगर, कर्मियों ने किसी की नहीं सुनी। ऐसे में आनन-फानन में उनका मानदेय जारी किया गया।
108 पर आती हर रोज 25 हजार कॉल
सिर्फ 108 एंबुलेंस के लिए औसतन प्रदेश भर से 25 हजार कॉल आती हैं। वहीं तीन दिन पहले कंपनी ने वर्तमान में हर रोज 42, 500 प्रतिदिन कॉल आने का दावा किया था। 102 एंबुलेंस पर ही भी हर रोज हजारों कॉल आती हैं। ऐसे में दोपहर बाद ठप हुई सेवा से हजारों मरीज हलकान रहे। गंभीर मरीजों को परिजन निजी वाहन से लेकर अस्पताल पहुंचे। इस दौरान कर्मियों ने प्रदेश के अधिकतर जनपदों में एंबुलेंस बंद बताई। 75 जनपदों में करीब 4500 एंबुुलेंस हैं।
मास्क, सैनिटाइजर तक नहीं
एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय के मुताबिक दो महीने से मरीजों की सेवा की जा रही है। मगर, कंपनी मानदेय नहीं दे रही है। कई बार कर्मियों ने मांग की। कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्हें सेनिटाइजर, मास्क तक मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं। ऐसे में कोरोना महामारी के दरम्यान कर्मियों की जिंदगी दांव पर है।
50 लाख सुरक्षा बीमा की मांग, सैंपल कलेक्शन ठप
कोरोना के दौरान जिंदगी दांव पर बताकर 50 लाख सुरक्षा बीमा की मांग की। कर्मियों की इस मांग को शासन को भेजने के आश्वासन दिया गया। बावजूद, शाम तक सैंपल कलेक्शन में लगी एंबुलेंस खड़ी रहीं। कोरोना के संदिग्ध मरीजों का सैंपल कलेक्शन नहीं हो सका।
क्या कहते हैं जिम्मेंदार
जीवीके ईएमआरआइ कंपनी के यूपी कार्यालय महाप्रबंधक किशोर नायडू ने संबंधित प्रकरण पर पक्ष नहीं दिया । वहीं प्रव क्ता डॉ. सुनील यादव ने कहा कि दोपहर बाद एंबुलेंस कर्मियों ने हड़ताल कर दी थी। उनका मानदेय जारी कर दिया गया। सुरक्षा बीमा को लेकर पत्र शासन को भेजा जा चुका है। एंबुलेंस संचालक कंपनी के प्रवक्ता सुनील यादव ने बताया कि फरवरी माह का वेतन कर्मचारियों को मिल गया है। मार्च महीने का वेतन भी जल्द देने की तैयारी की जा रही है। प्रवक्ता के मुताबिक सभी जिलों में एंबुलेंस का संचालन शुरू हो गया है।