आंबेडकर विश्वविद्यालय ने मनाया 26 वां स्थापना दिवस, पर्यावरण और जलसंरक्षण का दिया संदेश
लखनऊ में कोरोना संक्रमण के चलते बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय का 26वां स्थापना दिवस सोमवार को सादगी और कोविड प्रोटोकॉल के साथ मनाया गया। यूनिवर्सिटी डे-2022 के नाम से मनाए गए दिवस पर कुलपति प्रो.संजय सिंह ने डा.भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पौधारोपण किया।
लखनऊ, जागरण संवाददाताः लखनऊ में कोरोना संक्रमण के चलते बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय का 26वां स्थापना दिवस सोमवार को सादगी और कोविड प्रोटोकॉल के साथ मनाया गया। "यूनिवर्सिटी डे-2022" के नाम से मनाए गए दिवस पर आयोजित वेबिनार से पहले कुलपति प्रो.संजय सिंह ने डा.भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पौधारोपण किया। "रॉकिंग द बोट: डा आंबेडकर अमंग हिज़ कंटेम्पोररीज़" विषयक राष्ट्रीय वेबिनार में पश्चिम बंगाल के विश्व-भारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिद्युत चक्रवर्ती मुख्य अतिथि शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि दलित परिवार में जन्म लेने के कारण डा.आंबेडकर ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अच्छी शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने भारतीय समाज में फैली श्रेणीबद्ध असमानता, सामाजिक अंतर्विरोध और संवैधानिक नैतिकता के विषयों पर विस्तार से चर्चा की। आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा कि 14 अप्रैल 1989 में विश्वविद्यालय की आधारशिला रखे जाने से लेकर 10 जनवरी 1996 में इसको केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में पहचान प्राप्त होने तक विश्वविद्याल ने कई उतार चढ़ाव देखे। चार हजार से अधिक विद्यार्थियों और 100 से अधिक विषयों को लेकर विश्वविद्यालय शोध और इनोवेशन को लेकर कार्य कर रहा है। 40 विभाग, 200 से अधिक प्रोफेसर व शिक्षक विश्वविद्यालय को आगे ले जा रहे हैं। विश्व के दो प्रतिशत उत्कृष्ट वैज्ञानिकों की सूची में विश्वविद्यालय के छह शिक्षकों को स्थान मिला है। विद्यार्थी व शिक्षक मिलकर नित नए प्रयोग कर रहे हैं। आइआइटी कानपुर में हाल ही में यहां के प्रोजेक्ट की सराहना की गई। वेबिनार में आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. रिपुसूदन सिंह,प्रो.संजय द्विवेदी, प्रो. गौरव कैथवास,डा. राजश्री,प्रो. केएल महावर, प्रो. सारतिक बाघ, डा. रचना गंगवार, डा. एमएल मीना, डा.अल्का शिक्षक व विद्यार्थी शामिल हुए।
दो तिहाई हिस्सा प्रकृति के नाम संरक्षितः 272 एकड़ में फैले बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय का दो तिहाई हिस्सा प्रकृति के रूप में संरक्षित है। पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने के लिए ग्रीन कोर कमेटी का गठन किया गया है, जो विश्वविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्य करती है। वैटलैंड को बचाने के लिए कई प्राकृतिक तालाब बनाया गया है।