KGMU में स्ट्रेचर के लिए एक घंटे तक भटकते रहे तीमारदार, जमीन पर तड़पता रहा मरीज-मौत
लखनऊ एक दिसंबर को रायबरेली निवासी दुर्घटना में घायल युवक को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। मरीज को वार्ड में ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला। जमीन पर घंटों तड़पता रहा। डॉक्टरों पर अनदेखी का आरोप।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर की सेवाएं अव्यवस्था का शिकार हैं। यहां रात में तीमारदारों की सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में मरीज को समय पर इलाज तो दूर स्ट्रेचर तक के लिए भटकना पड़ रहा है। मंगलवार रात को एक मरीज को काफी देर तक स्ट्रेचर नहीं मिला। बाद में डॉक्टरों ने देखने में आनाकानी की। ऐसे में उसकी मौत हो गई।
ये है पूरा मामला
दरअसल, रायबरेली निवासी इंदर सिंह दुर्घटना में घायल हो गए। उनके सिर समेत अन्य अंगों में गंभीर चोटे आईं। ऐसे में खून से लथपथ इंदर सिंह को परिवारजन इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर आए। करीब नौ बजे रात में पहुंचे परिवारजनों करे मरीज को वार्ड में ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला। इस दौरान मरीज जमीन पर पड़ा तड़पता रहा। इसके बाद स्टाफ से स्ट्रेचर के लिए फरियाद की। इसमें टोकन सिस्टम लगा दिया गया। पहले आइडी जमाकर टोकन लिया। इसके बाद स्ट्रेचर मिल सका। ऐसे में मरीज को लेकर परिवारजन इमरजेंसी के नर्सिंग स्टेशन पर पहुंचे। आरेाप है कि यहां भी मरीज की अनदेखी की गई। ऐसे में घंटेभर तक मरीज का इलाज नहीं हो सका। वहीं, डॉक्टरों ने जब देखा तब तक उसकी मौत हो गई। परिवारजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर यूपी मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है।
180 स्ट्रेचर का दावा
ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि परिवारजनों के आरोप बेबुनियाद हैं। यहां मरीजों के लिए 180 स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई। मरीज की हालत गंभीर थी। डॉक्टरों ने उसे देखा, मगर उसे बचाया नहीं जा सका।