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हाईकोर्ट का अखिलेश सरकार को झटका, पुलिस भर्ती के परिणाम पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को तगड़ा झटका दिया है। सरकार सिर्फ दौड़ तथा हाईस्कूल की मेरिट पर सिपाही भर्ती करने की तैयारी में थी। हाईकोर्ट ने परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 27 May 2016 04:33 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 11:19 AM (IST)
हाईकोर्ट का अखिलेश सरकार को झटका, पुलिस भर्ती के परिणाम पर रोक

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका दिया है। सरकार सिर्फ दौड़ तथा हाईस्कूल की मेरिट पर सिपाही भर्ती करने की तैयारी में थी। हाईकोर्ट ने इसका परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 22 जुलाई को होगी।

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बिना लिखित परीक्षा के मात्र मेरिट और शारीरिक परीक्षा के आधार पर कराई जा रही भर्ती को रणविजय सिंह व विवेकानंद यादव सहित कई लोगों ने चुनौती दी है। याचिका पर न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीके मिश्र की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार नागरिक पुलिस में करीब 34 हजार महिला और पुरुष आरक्षियों की भर्ती के लिए दो दिसंबर 2015 को विज्ञापन जारी किया गया था। प्रदेश सरकार ने इसके बाद नियमावली में बदलाव करते हुए पूर्व की चयन प्रक्रिया का अतिक्रमण करके नई चयन प्रक्रिया लागू कर दी। याची अधिवक्ता का कहना था कि विज्ञापन जारी होने के बाद नियमावली में बदलाव किया जाना गलत तरीका है।

विज्ञापन जारी होने के बाद चयन प्रक्रिया प्रारंभ मानी जाती है। इसके बीच में नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि विभाग चाहे तो चयन प्रक्रिया जारी रख सकता है मगर इसका परिणाम अदालत के आदेश के बिना जारी न किया जाए। याचिका में कहा गया है कि लिखित परीक्षा समाप्त करने से योग्य अभ्यर्थियों को चयन का अवसर नहीं मिल सकेगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिपाही के कुल 33 हजार आठ सौ पद की भर्ती के परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। अखिलेश यादव ने सरकार लिखित परीक्षा समाप्त कर सिर्फ दौड़ तथा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मेरिट पर बड़ी संख्या में सिपाही भर्ती करने की तैयारी में थी। इनके परिणाम लगभग तैयार भी हो गये हैं। 28 हजार पुरुष तथा 5800 महिला सिपाही की भर्ती होनी है। प्रदेश सरकार ने सिपाही भर्ती में लिखित परीक्षा समाप्त कर दी थी। इसके विरोध में कुछ लोग कोर्ट गये थे। सरकार ने लिखित परीक्षा समाप्त कर सिर्फ केवल हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की अंक तालिका के साथ दौड़ के आधार पर प्रदेश में 33800 सिपाही भर्ती करने की तैयारी कर ली थी। इसकी मेरिट लिस्ट तैयार की जा रही है। सूबे में सरकार 28000 पुरुष के साथ ही 5800 महिला सिपाहियों की भर्ती कर रही थी।


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