हाईकोर्ट का नोएडा व ग्रेटर नोएडा की मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स गिराने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में गैर कानूनी तरीके से मल्टी स्टोरी बिल्डिंग खड़ी करने वाले बिल्डरों को तगड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने नोएडा प्रशासन को आम्रपाली तथा सुपर टेक ग्रुप की मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को दो महीने में गिराने के साथ ही जमीन खाली कराने
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में गैर कानूनी तरीके से मल्टी स्टोरी बिल्डिंग खड़ी करने वाले बिल्डरों को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट में यह मामला पहले से चल रहा था और फैसला भी हो चुका था। आज हाईकोर्ट ने इसको कोर्ट की अवमानना मानते हुए नोएडा के डीएम को दो महीने में अवैध बिल्डिंग को गिराकर कोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिया है।
इलाहबाद हाईकोर्ट के इस फैसले ने नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा की रियल एस्टेट कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है। जन कल्याण समिति संस्था ने तालाब तथा कब्रिस्तान पर गैर कानूनी ढंग से बनीं बिल्डिंग्स पर आपत्ति जताने के बाद एक याचिका दायर की थी। जिस पर जस्टिस बीके बिड़ला की बेंच ने नोएडा जिलाधिकारी को दो महीने में बिल्डिंग्स गिराकर जमीन का कब्जा हटाने का आदेश दिया।
जिन बिल्डिंग्स को गिराने के आदेश है, उनमें पटवारी गांव में श्मशान की जमीन पर दो हजार स्कवायर मीटर में बनी सुपरटेक की बिल्डिंग, इटहरा में छह हजार स्कवायर मीटर में तालाब की जमीन पर बनी आम्रपाली ग्रुप की बिल्डिंग और तुगलपुर में 35 हजार स्कवायर मीटर में बने जगत तारन के प्रोजेक्ट हैं। हाईकोर्ट ने नोएडा के जिलाधिकारी को दो महीने में इन जमीनों को खाली गिराने के आदेश दिए हैं। आरोप है इमारतें कब्रिस्तान और तालाब की जमीन पर ही बना दी गई हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बीके बिड़ला ने नोएडा के डीएम को दो महीने में 43 हजार स्क्वायर मीटर जमीन खाली कराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने ग्राम समाज की जमीन को बिना पुनर्ग्रहण के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बिल्डरों को जमीन आवंटित करने को गलत माना है। कोर्ट के इस फैसले के बाद से अब ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के सभी निर्माण को तोड़ा जाएगा। इससे अब हजारों निवेशकों का बड़ा धन भी फंसेगा।