हाई कोर्ट ने राजस्व परिषद की आयुक्त व सचिव मनीषा को किया तलब, कोर्ट ने पूछा- अवमानना पर क्यों न किया जाए दंडित
Allahabad High Court इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार के पद पर तदर्थ प्रोन्नति देने के आदेश का पालन न करने पर राजस्व परिषद की आयुक्त व सचिव मनीषा त्रिघाटिया को कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि अवमानना पर उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।
विधि संवाददाता, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार के पद पर तदर्थ प्रोन्नति देने के आदेश का अनुपालन न करने पर राजस्व परिषद की आयुक्त व सचिव मनीषा त्रिघाटिया को जवाब देने के लिए कोर्ट में तलब किया है।
न्यायालय ने कहा है कि उन्हें कोर्ट के आदेश की अवमानना के लिए क्यों न दंडित किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने जितेंद्र कुमार सिंह की अवमानना याचिका पर पारित किया।
याची की ओर से दलील दी गई कि उसके खिलाफ कुछ आरोपों को लेकर विभागीय जांच हुई थी। जांच में उसके खिलाफ कोई तथ्य नहीं पाए जाने के बाद सिर्फ चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन बाद में लखनऊ के जिलाधिकारी ने अपने ही आदेश पर पुनर्विचार करते हुए याची पर कार्रवाई करते हुए उसका वेतनमान घटा दिया।
जिलाधिकारी ने जारी किया था प्रोन्नति का आदेश
इस दौरान याची की प्रोन्नति पर भी यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा विचार किया जा रहा था। याची ने जिलाधिकारी के आदेश को हाई कोर्ट में रिट के माध्यम से चुनौती दी जिस पर जिलाधिकारी के आदेश पर रोक लगा दी गई और याची को तदर्थ प्रोन्नति देने का आदेश दिया।
आरोप है कि उक्त आदेश के बावजूद राजस्व परिषद की आयुक्त व सचिव ने याची को तदर्थ प्रोन्नति नहीं दी। उल्टा आयोग को कई बार पत्राचार करते हुए उसकी प्रोन्नति पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया।
आयोग ने प्रोन्नति पर पुनर्विचार के अनुरोध को खारिज कर दिया। आरोप है कि इसके बावजूद याची को तदर्थ या नियमित प्रोन्नति देने से इन्कार कर दिया गया है।
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