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हाई कोर्ट ने बिना क्षेत्राधिकार के FIR दर्ज करने पर अयोध्या के SSP से मांगा जवाब

हाई कोर्ट ने अयोध्या के एसएसपी से पूछा है कि याचियों के विरुद्ध ऐसी धारा में कैसे एफआईआर दर्ज कर ली गई जो कि असंज्ञेय है और जिसमें सिर्फ परिवाद दाखिल किया जा सकता है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:40 AM (IST)
हाई कोर्ट ने बिना क्षेत्राधिकार के FIR दर्ज करने पर अयोध्या के SSP से मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने बिना क्षेत्राधिकार के FIR दर्ज करने पर अयोध्या के SSP से मांगा जवाब

लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने असंज्ञेय अपराध में एफआईआर दर्ज करने के एक मामले में अयोध्या जिले के एसएसपी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने एसएसपी से यह भी पूछा है कि याचियों के विरुद्ध ऐसी धारा में कैसे एफआईआर दर्ज कर ली गई, जो कि असंज्ञेय है और जिसमें सिर्फ परिवाद दाखिल किया जा सकता है।

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यह आदेश जस्टिस अनिल कुमार व जस्टिस संगीता चन्द्रा की बेंच ने विजय प्रकाश आदि की ओर से दाखिल याचिका पर दिया। याचियों के विरुद्ध अयोध्या जिले के महिला थाने में आइपीसी की धारा 493 में एफआइआर दर्ज कराई गई है। याचिका में उक्त एफआइआर को खारिज करने की मांग की गई है।

सुनवाई के दौरान याचियों की ओर से कह गया कि उक्त धारा असंज्ञेय है, इसके साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 198 के तहत उक्त धारा में मजिस्ट्रेट सिर्फ पीडि़ता के परिवाद पत्र पर ही संज्ञान ले सकता है। ऐसे में पुलिस को न ही उक्त धारा में एफआइआर दर्ज करने का क्षेत्राधिकार है और न ही विवेचना का। कोर्ट ने सुनवाई के बाद एसएसपी से जवाब मांगने के साथ उन्हें इस मामले को देखने का भी आदेश दिया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचियों की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है।


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