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swamitva yojana 2020: यूपी में वर्ष 2021 के अक्टूबर तक सभी ग्रामीणों को मिल जाएगी घरौनी

swamitva yojana 2020 उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा परवान चढ़ी तो स्वामित्व योजना के तहत अगले वर्ष अक्टूबर तक प्रदेश के सभी गांवों के आबादी क्षेत्रों के निवासियों को उनकी आवासीय संपत्ति के मालिकाना हक को दर्शाता अभिलेख मिल जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 06:40 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 06:40 PM (IST)
swamitva yojana 2020: यूपी में वर्ष 2021 के अक्टूबर तक सभी ग्रामीणों को मिल जाएगी घरौनी
यूपी में वर्ष 2021 के अक्टूबर तक सभी ग्रामीणों को मिल जाएगी घरौनी

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा परवान चढ़ी तो स्वामित्व योजना के तहत अगले वर्ष अक्टूबर तक प्रदेश के सभी गांवों के आबादी क्षेत्रों के निवासियों को उनकी आवासीय संपत्ति के मालिकाना हक को दर्शाता अभिलेख (घरौनी) मिल जाएगा। इसके लिए जून 2021 तक सभी गांवों के आबादी क्षेत्रों का ड्रोन सर्वेक्षण पूरा करने की योजना है। गुरुवार को केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश में स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा की।

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राजस्व परिषद में हुई समीक्षा बैठक में बताया गया कि स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण आबादी क्षेत्रों के सर्वेक्षण के लिए अभी 21 ड्रोन टीम काम कर रही हैं। सर्वेक्षण के लिए ड्रोन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सर्वे ऑफ इंडिया पर है। अब तक प्रदेश में 1355 गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। एक ड्रोन टीम एक दिन में औसतन पांच गांवों का सर्वेक्षण करती है। सर्वेक्षण कार्य को रफ्तार देने के लिए बैठक में तय हुआ कि 10 नवंबर तक प्रदेश में नौ और ड्रोन टीम उपलब्ध करा दी जाएंगी।

ड्रोन टीमों की बढ़ेगी संख्या : 20 नवंबर तक सूबे में कार्यरत ड्रोन टीमों की संख्या 45 हो जाएगी। दिसंबर में ड्रोन टीमों की संख्या को बढ़ाकर 83 और फरवरी तक 150 तक पहुंचाने का इरादा है। जरूरत पड़ने पर मार्च, अप्रैल व मई में प्रदेश में 250 ड्रोन टीमों को लगाकर जून तक सभी 1.08 लाख गांवों का सर्वेक्षण कार्य पूरा करने और सितंबर-अक्टूबर तक सभी को घरौनी देने का लक्ष्य तय किया गया है। पहले चरण में प्रदेश के 37 जिलों के 346 गावों के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीती 11 अक्टूबर को घरौनी का डिजिटल वितरण कर चुके हैं।

20 हजार गांवों के भू-मानचित्र भी तैयार किये जाएंगे : बैठक में यह भी तय हुआ कि प्रदेश के जिन 20 हजार राजस्व गांवों के नक्शे कटे-फटे हैं या मिसिंग है, उनके भी भू-मानचित्र स्वामित्व योजना के तहत कराये जा रहे सर्वेक्षण के माध्यम से तैयार करा लिए जाएं। इसके लिए राज्य सरकार सर्वे ऑफ इंडिया से बात करके इन गांवों के आबादी क्षेत्रों के साथ खेती की जमीन का भी ड्रोन सर्वे कराकर उनके भू-मानचित्र तैयार कराएगी। राजस्व परिषद इसकी कार्ययोजना बनाएगा।


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