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एक छतरी के नीचे आएंगे बेसिक शिक्षा विभाग के सभी निदेशालय, कैबिनेट से मंजूरी की तैयारी

महानिदेशक स्कूल शिक्षा बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन पांच निदेशालयों के बीच सेतु का काम करेंगे और उनके बीच बेहतर समन्वय स्थापित करेंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 06:20 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 06:20 PM (IST)
एक छतरी के नीचे आएंगे बेसिक शिक्षा विभाग के सभी निदेशालय, कैबिनेट से मंजूरी की तैयारी
एक छतरी के नीचे आएंगे बेसिक शिक्षा विभाग के सभी निदेशालय, कैबिनेट से मंजूरी की तैयारी

लखनऊ, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन पांच निदेशालयों को योगी सरकार अब एक छतरी के नीचे लाने की तैयारी कर रही है। इन पांचों निदेशालयों पर अब महानिदेशक, स्कूल शिक्षा (डीजीएसई) का कार्यकारी, प्रशासकीय और वित्तीय नियंत्रण होगा। इसके लिए सरकार महानिदेशक, स्कूल शिक्षा का नया पद सृजित करने जा रही है। इस पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के ऐसे अफसर की तैनाती की जाएगी जो कम से कम विशेष सचिव या समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक के समकक्ष स्तर का होगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा पांचों निदेशालयों के बीच सेतु का काम करेंगे और उनके बीच बेहतर समन्वय स्थापित करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।

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अभी बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन पांच निदेशालय स्थापित हैं। इनमें बेसिक शिक्षा निदेशालय, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय, समग्र शिक्षा अभियान राज्य परियोजना कार्यालय और मध्याह्न भोजन प्राधिकरण शामिल हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक, एससीईआरटी और साक्षरता निदेशालय के निदेशकों के पद संवर्गीय हैं जबकि समग्र शिक्षा अभियान और मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक पर वर्तमान में आइएएस अफसर तैनात हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित इन पांचों निदेशालयों का स्वतंत्र अस्तित्व है। इनके निदेशकों के क्षेत्राधिकार अपने निदेशालय तक ही सीमित हैं। इससे निदेशालयों में परस्पर समन्वय और संपर्क अपेक्षित स्तर का नहीं है। विभिन्न निदेशालयों और इनके प्रशासकीय विभाग के बीच भी अलग-अलग संपर्क व समन्वय होता है। इस वजह से प्रशासकीय विभाग और निदेशालयों के बीच प्रभावी समन्वय, प्रशासनिक नियंत्रण और निगरानी की समस्या बनी रहती है।

विभाग की अलग-अलग योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए भी अलग-अलग निदेशालय जिम्मेदार हैं। शासन स्तर पर यह महसूस किया गया कि सभी योजनाओं व कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिष्ठान और कार्यदायी एजेंसियों पर एक प्राधिकारी का नियंत्रण होना जरूरी है।

अन्य राज्यों में यह है व्यवस्था

महाराष्ट्र में कमिश्नर एजुकेशन, गुजरात में डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन, पंजाब में डायरेक्टर जनरल, मध्य प्रदेश में कमिश्नर पब्लिक इंस्ट्रक्शन और कर्नाटक में सीपीआइ बेंगलूरु का पद सृजित है।

इनका होगा एक मुखिया

1. बेसिक शिक्षा निदेशालय

2. राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी)

3. साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय

4. समग्र शिक्षा अभियान राज्य परियोजना कार्यालय

5. मध्याह्न भोजन प्राधिकरण


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