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यूपी 112 से जुड़ेंगे सभी बैंक और एटीएम, सुरक्षा में लगेगा नवगठित उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल

उत्तर प्रदेश में बैंकों और एटीएम की सुरक्षा-व्यवस्था को और पुख्ता व अत्याधुनिक किए जाने की कसरत शुरू हो गई है। नए वर्ष में बैंकों का सुरक्षा घेरा कड़ा किए जाने के लिए उन्हें सीधे यूपी 112 से जोड़े जाने की भी योजना है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 10:27 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 07:36 AM (IST)
यूपी 112 से जुड़ेंगे सभी बैंक और एटीएम, सुरक्षा में लगेगा नवगठित उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल
बैंकों की सुरक्षा के लिए गठित राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में कड़े दिशा निर्देश दिए गए।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में बैंकों और एटीएम की सुरक्षा-व्यवस्था को और पुख्ता व अत्याधुनिक किए जाने की कसरत शुरू हो गई है। नए वर्ष में बैंकों का सुरक्षा घेरा कड़ा किए जाने के लिए उन्हें सीधे यूपी 112 से जोड़े जाने की भी योजना है। बैंक अधिकारियों से बैंक की शाखाओं व एटीएम की लोकेशन का विस्तृत ब्योरा मांगा गया है, जिसे यूपी 112 के डाटा बैंक से जोड़ा जाएगा। ताकि किसी आपात स्थिति में पुलिस तत्काल मदद के लिए पहुंच सकेगी और उसे संबंधित बैंक शाखा व एटीएम की लोकेशन पहले से पता होगी। साथ ही नवगठित उप्र विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) को भी बैंकों की सुरक्षा में लगाया जाएगा।

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अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैंकों की सुरक्षा के लिए गठित राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक की और कड़े दिशा निर्देश दिए। बैंको की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ व चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए तकनीक के अधिक से अधिक उपयोग पर जोर दिया। खासकर करेंसी चेस्ट व एटीएम की सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाए जाने के लिए यूपी 112 का सहयोग लिए जाने का निर्णय किया गया। इसके लिए बैंकों से उनकी शाखाओं तथा उनके अंतर्गत स्थापित एटीएम की लोकेशन का विस्तृत ब्योरा भी मांगा गया है।

नियमित फायर ऑडिट कराने का निर्देश : सुरक्षा समिति की बैठक में सभी बैंकों में आग से बचाव के पर्याप्त प्रबंध किए जाने तथा नियमित फायर ऑडिट कराए जाने का निर्देश भी दिया गया। इसकी नियमित समीक्षा भी होगी। तय हुआ कि बैंकों के करेंसी चेस्ट का सुरक्षा ऑडिट स्थानीय थानाध्यक्ष तथा संबंधित बैंक के शाखा प्रबंधक के संयुक्त प्रयास से किया जायेगा। बैंकों की रकम को दूसरे राज्य में ले जाए जाने के दौरान की जाने वाली सुरक्षा के विभिन्न बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। जाली नोटों के प्रचलन को सख्ती से रोकने के लिए सम्मिलित प्रयास को लेकर भी रणनीति बनाई गई।

फरवरी 2021 में होगी अगली बैठक : बैंकों की सुरक्षा से जुड़े जिन प्रकरणों में स्थानीय शाखाओं की लापरवाही सामने आएगी, उसकी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जायेगी। बैठक में बैंकों को सीसीटीएनएस योजना के तहत ई-एफआइआर प्रणाली की विस्तृत जानकारी दिए जाने का भी निर्देश दिया गया। बैठक में रिजर्व बैंक आफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक आरएलके राव, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, सचिव गृह भगवान स्वरूप, एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की अगली बैठक फरवरी 2021 में होगी।

लखनऊ-कानपुर में विशेष सतर्कता : बैठक में लखनऊ व कानपुर में बैंक की सुरक्षा के लिए समुचित संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती सुनिश्चित कराए जाने का निर्देश भी दिया गया। बैंकों में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों को क्रियाशील रखने तथा डीवीआर को सुरक्षित स्थान पर रखे जाने के लिए शाखा प्रबन्धकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित किये जाने तथा इसका आकास्मिक निरीक्षण कराए जाने का निर्देश भी दिया गया।


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