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लॉकडाउन में ज्यादा सक्रिय थे अल कायदा एजेंट सलमान व इनामुल, पूछताछ में ATS खोलेगी कई राज

AL-Qaeda Agent सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में युवकों के जेहन में जहर घोलने में अल कायदा एजेंट इनामुल व सलमान के अलावा कुछ अन्य युवकों की भूमिका भी सामने आई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 09:06 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 09:06 AM (IST)
लॉकडाउन में ज्यादा सक्रिय थे अल कायदा एजेंट सलमान व इनामुल, पूछताछ में ATS खोलेगी कई राज
लॉकडाउन में ज्यादा सक्रिय थे अल कायदा एजेंट सलमान व इनामुल, पूछताछ में ATS खोलेगी कई राज

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में जेहाद की जड़ें जमा रहे अल कायदा एजेंट इनामुल हक और सलमान खुर्शीद वानी लॉकडाउन के दौरान खासे सक्रिय थे। गहरी साजिश के तहत युवकों को जेहाद की ऑनलाइन क्लास पढ़ाई गई थीं। सूत्रों का कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में युवकों के जेहन में जहर घोलने में इनामुल व सलमान के अलावा कुछ अन्य युवकों की भूमिका भी सामने आई है। लॉकडाउन में जब युवक अपने घरों में थे और इंटरनेट पर खासे सक्रिय थे, तब मौके का फायदा उठाकर अल कायदा एजेंटों ने उन्हें बहकाने के लगातार प्रयास किये थे। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अब इनामुल व सलमान का आमाना-सामना करायेगा, जिसमें उनके दूसरे साथियों से जुड़ी अहम जानकारियां सामने आने की उम्मीद हैं।

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एटीएस जम्मू में पकड़े गए सलमान वानी को लेकर लखनऊ आ गई है। एटीएस ने उसे मंगलवार को लखनऊ कोर्ट में पेश किया। एडीजी एटीएस डीके ठाकुर के अनुसार सलमान वानी को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। एटीएस की अर्जी पर कोर्ट ने सलमान की बुधवार सुबह से पांच दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। बुधवार को उसे कस्टडी रिमांड पर लेकर जांच एजेंसियां नए सिरे से पूछताछ शुरू करेंगी। खासकर इनामुल व सलमान समेत उनके अन्य साथियों की दिल्ली में होने वाली बैठक व उससे जुड़े राज उगलवाने का प्रयास किया जाएगा। दूसरी ओर एटीएस ने इनामुल के सोशल मीडिया अकाउंट व मोबाइल फोन से कई अहम जानकारियां जुटाई हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है।

ध्यान रहे कि एटीएस ने बरेली में नाम बदलकर रह रहे अल कायदा एजेंट इनामुल हक को गिरफ्तार किया था। उसे दस दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। इनामुल से मिली जानकारियों के आधार पर ही एटीएस ने जम्मू से उसके सक्रिय साथी सलमान को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। 

झंडे, साहित्य पोस्ट करता रहा मगर किसी को भनक तक नहीं : अलकायदा से जुड़ा कटघर निवासी इनामुल चार साल से खुलेआम अलकायदा का झंडा व साहित्य सोशल मीडिया पर पोस्ट करता रहा। फेसबुक ने इसे आपत्तिजनक सामग्री मानकर वर्ष 2018 में उसका फेसबुक एकाउंट ब्लॉक कर दिया था मगर साइबर सेल की स्थानीय इकाई को इस बारे में कुछ पता नहीं चला। न ही लोकल इंटेलीजेंस यूनिट को उसके बारे में कुछ पता चला। इनामुल हक कट्टरपंथी विचारों का है, उत्तराखंड के पंतनगर में अपने परिवार के साथ रहने के दौरान उसने धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ की थी। वहां जेल जाने के बाद ढाई साल पहले बरेली के कटघर स्थित पुश्तैनी घर में आकर रहने लगा था। बरेली के एसपी क्राइम रमेश कुमार भारतीय के अनुसार लोकल इंटेलीजेंस यूनिट से इनपुट के आधार पर साइबर सेल फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया एकाउंट की निगरानी की जाती है। इनामुल प्रकरण में स्थानीय स्तर पर ऐसा कोई इनपुट नहीं मिला था।

वेस्ट यूपी में भी फैली अंसार गजवत-उल-हिंद की जड़ें : जम्मू कश्मीर से संचालित कई संगठनों ने लॉकडाउन के दौरान वेस्ट यूपी में अपना नेटवर्क मजबूत किया है और स्लीपिंग मॉड्यूल तैयार किए हैं। इसका फायदा आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद ने उठाया और इससे जुड़े कई लोग इधर आ गए। एटीएस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि देश के विभिन्न राज्यों से लोगों की आवाजाही प्रत्येक राज्य व जिले में बगैर चेकिंग के हुई है। इसी का फायदा इस संगठन ने उठाया।

सलमान पांच दिन के लिए एटीएस की रिमांड पर : देश विरोधी गतिविधियां संचालित करने के आरोपित सलमान खुर्शीदवानी को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (कस्टम) सुनील कुमार ने पांच दिन के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया है। रिमांड अवधि 24 जून को पूर्वाह्न 10 बजे से 29 जून को पूर्वाह्न 10 बजे तक प्रभावी होगी।एटीएस ने आरोपित को कश्मीर के रामबन से गिरफ्तार किया था। आरोपित को एटीएस को रिमांड पर दिए जाने की अर्जी पर वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अतुल ओझा ने कहा कि वह अपने मोबाइल फोन से अपने साथियों मो. बकास खान, अब मोहम्मद अल हिंदी, इकबाल कुरैशी व मोहसिन खान मूसा के साथ 373 ग्रुप से जुड़ा था।

ये सभी आपस में मिलकर आतंकवादी गिरोह बनाकर देश विरोधी गतिविधियों को संचालित करने, फिदायीन हमले करने, आतंकी संगठन तैयार करने तथा युवाओं को गुमराह करके प्रशिक्षण दिलाने जैसी गतिविधियों में शामिल थे। आरोपित को सूचना पर कश्मीर से गिरफ्तार किया गया और उससे जब पूछताछ की गई तो उसने एटीएस को बताया कि 2016 में बरेली के इनामुल हक के फेसबुक एकाउंट अब मो. अल हिंदी नाम से रिक्वेस्ट आई, जिसे स्वीकार किया गया। वहीं एटीएस की ओर से कहा गया कि आरोपित से वाट्सएप चैट, वीडियो कॉल तथा फोटो सहित अन्य जानकारियां प्राप्त करनी हैं।


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