NIRF रैंकिंग के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों को तैयार करेगा एकेटीयू
विद्या परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय कॉलेजों को मिलेगी शैक्षिक स्वायत्तता। वेबसाइट पर अभद्र टिप्पणी करने वाले छात्रों को करना होगा ह्यूमन वैल्यूज का कोर्स।
लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से जुड़े संस्थान शैक्षणिक गुणवत्ता के पैमाने पर परखे जाएंगे। अब्दुल कलाम इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क (एआइआरएफ) के जरिए इनके गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई विद्या परिषद की बैठक में यह और कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
विवि विद्या परिषद ने एआइआरएफ शुरू करने को हरी झंडी दे दी। इसका मकसद प्रदेश के संस्थानों को नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) के लिए तैयार करना रहेगा। इस रैंकिंग में प्रतिभाग करना प्रत्येक संबद्ध संस्थान के लिए अनिवार्य होगा। एआइआरएफ रैकिंग में टॉप-25 संस्थानों की एनआइआरएफ की तैयारी के लिए विवि मेंटर के तौर पर सहयोग करेगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक में आइआइटी कानपुर के उप निदेशक पद्मश्री प्रो. मनींद्र अग्रवाल, आइआइटी रुड़की के प्रो. शिशिर सिन्हा, विवि के प्रति कुलपति प्रो. विनीत कंसल, वित्त अधिकारी जीपी सिंह, डीन यूजी प्रो. सुबोध वैरिया, डीन पीजी प्रो. एमके दत्ता, सीएएस के निदेशक प्रो. मनीष गौड़ आदि शामिल हुए।
यह भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए
- विवि के ऑफिशियल सोशल मीडिया प्लेटफार्म (फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि) पर गलत एवं अभद्र टिप्पणी करने वाले विद्याॢथयों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उसे 15 दिनों का मानवीय मूल्यों (ह्यूमन वैल्यू) का कोर्स करना होगा।
- वर्चुअल लैब के माध्यम से इंजीनियङ्क्षरग पाठ्यक्रमों की प्रयोगशालाएं संचालित होंगी।
- हर वर्ष होने वाले डॉ अब्दुल कलाम आर्ट, कल्चरल, टेक्निकल, लिटरेरी, मैनेजमेंट फेस्ट को ई-फेस्ट के रूप में आयोजित किया जाएगा।
- आगरा, बरेली, झांसी और सुल्तानपुर में छात्र सहायता प्रकोष्ठ को मंजूरी।
- विवि के घटक संस्थान आइईटी लखनऊ, सीएएस, एफओए एवं यूपीआइडी नोएडा में पार्टटाइम एमटेक/एमआर्क/एमडेस कोर्स एवं पार्ट-टाइम पीएचडी कोर्स चलाने के प्रस्ताव पर सहमति।
- विवि द्वारा निजी सम्बद्ध संस्थानों को भी शैक्षिक स्वायत्तता प्रदान की जाएगी। पूर्व में गठित समिति की संस्तुति जरूरी।
- कोविड-19 महामारी एवं अन्य आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए ऑनलाइन लॄनग मैनेजमेंट सिस्टम एवं मूक्स के माध्यम से टीचिंग-लर्निंग प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।