Move to Jagran APP

मुजफ्फरनगर के भगवंत इंस्टीट्यूट पर जुर्माना-ब्‍लैक ल‍िस्‍टेड, आधा दर्जन छात्रों का नामांकन न‍िरस्‍त

एकेटीयू प्रशासन ने दोषी भगवंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज पर लगाया पांच लाख का जुर्माना। आधा दर्जन छात्रों पर हुई कार्रवाई पंजीयन निरस्त।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 12:34 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 12:56 PM (IST)
मुजफ्फरनगर के भगवंत इंस्टीट्यूट पर जुर्माना-ब्‍लैक ल‍िस्‍टेड, आधा दर्जन छात्रों का नामांकन न‍िरस्‍त
मुजफ्फरनगर के भगवंत इंस्टीट्यूट पर जुर्माना-ब्‍लैक ल‍िस्‍टेड, आधा दर्जन छात्रों का नामांकन न‍िरस्‍त

लखनऊ, जेएनएन। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से जुड़े मुजफ्फरनगर स्थित भगवंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज (कोड 084) में परीक्षा के नाम पर बड़ी धांधली सामने आई है। इस कॉलेज में पढ़ाई कर रहे आधा दर्जन परीक्षार्थियों की बिना परीक्षा दिए ही उनकी कॉपियां लिखवाकर मूल्यांकन के लिए एकेटीयू भेज दी गईं। राजफाश होने पर विवि प्रशासन ने भगवंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज पर पांच लाख जुर्माने के साथ तीन साल के लिए काली सूची में डाल दिया है। इसके अलावा छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है। 

loksabha election banner

क्या है मामला

परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार ने बताया कि मुजफ्फरनगर स्थित भगवंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कॉलेज कोड 084) के छात्र/छात्राओं का परीक्षा केंद्र कुंवर सत्य वीरा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, बिजनौर (कॉलेज कोड 017) गया था।

भगवंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छह छात्र परीक्षा केंद्र कुंवर सत्य वीरा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में अनुपस्थित पाए गए, लेकिन उनकी कॉपियां भगवंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मुजफ्फरनगर केंद्र के बंडलों में डिजिटल मूल्यांकन के लिए भेज दी गईं। जिसे विवि के परीक्षा नियंत्रक ने पकड़ लिया।

धांधली में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक शामिल

केंद्र पर परीक्षा व्यवस्था में धांधली उजागर होने का मामला संज्ञान में आने के बाद कुलपति प्रो. पाठक द्वारा हाई पावर कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई गई। जांच में यह तथ्य सामने आए कि भगवंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी द्वारा परीक्षा की कॉपियां चोरी कर इन छात्रों को परीक्षा के समय उपलब्ध करवाई गईं। यह सब केंद्र के जिम्मेदार अधिकारी की मिलीभगत से किया गया। इतना ही नहीं, छात्रों द्वारा लिखी गई कॉपियों को परीक्षा केंद्र के बंडलों में शामिल कराया गया।

रिपोर्ट आने के बाद संबंधित छात्रों का विवि से नामांकन निरस्त करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। कार्रवाई के क्रम में केंद्र को आगामी तीन वर्षों के लिए संस्थान का परीक्षा केंद्र न बनाने के लिए काली सूची में डाल दिया है। साथ ही कॉलेज पर पांच लाख रुपये का अर्थदंड लगाने और और सत्र 2019-20 की विषम सेमेस्टर की परीक्षा में लगे संस्थान के समस्त कर्मचारियों और अधिकारियों के पारिश्रमिक के भुगतान पर रोक लगा दी गई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.