'Rakshabandhan' के लिए 'बहनों' संग लखनऊ पहुंचे अक्षय कुमार, हजरतगंज में की शापिंग
Akshay Kumar in Lucknow लखनऊ में फिल्म रक्षाबंधन का प्रमोशन करने निर्देशक आनंद एल राय सहित टीम के साथ पहुंचे अभिनेता अक्षय कुमार। इस दौरान उन्होंने बताया कि मैंने दस मिनट में ही कहानी सुनी और हां कर दिया।
लखनऊ, (दुर्गा शर्मा)। अभिनेता अक्षय कुमार अपने फैंस को इस रक्षाबंधन उपहार देने के लिए तैयार हैं। यह उपहार उनकी फिल्म 'रक्षाबंधन' है। भाई-बहनों को समर्पित फिल्म को रक्षाबंधन के अवसर पर रिलीज किया जा रहा है। रिलीज से पहले फिल्म का ताबड़तोड़ प्रमोशन करते हुए सोमवार को कोलकाता के बाद अभिनेता अक्षय कुमार निर्देशक आनंद एल राय और अपनी आनस्क्रीन चार बहनों के साथ लखनऊ पहुंचे।
गोमती नगर के होटल हायत रीजेंसी में रक्षाबंधन की टीम ने फिल्म को लेकर अपनी बात भी रखी। अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा कि ये मेरे करियर की बेस्ट फिल्म है। यह एक साधारण इंसान की कहानी है, जिसे साधारण तरीके से ही बताया गया है। साधारण चीजों में ही आनंद है।
उन्होंने कहा कि फिल्म में हमने भाई-बहन के अटूट प्यार और भावनाओं का खूबसूरत तड़का लगाने की कोशिश की है। अपनी चार बहनों की जिम्मेदारी लिए एक भाई अपने जीवन में किन मुश्किलों से गुजरता है और कैसे अपने अरमानों को नजरअंदाज करता चला जाता है, यह वाकई में देखने लायक होगा।
अक्षय कुमार ने कहा कि मैंने दस मिनट में ही कहानी सुनी और हां कर दिया। मैं सेट पर अपनी आनस्क्रीन बहनों के लिए खाना लेकर आता था। हर जगह जाकर शापिंग भी करवा रहा। इस फिल्म में जितनी चीजें नजर आएंगी, वह हर किसी के घर की कहानी है। फिल्म का निर्देशन आनंद एल राय ने किया है। फिल्म की कहानी हिमांशु शर्मा और कनिका ढिल्लों ने लिखी है। बहनों का किरदार सादिया खतीब, दीपिका खन्ना, स्मृति श्रीकांत और सहजमीन कौर निभा रही हैं। इससे पहले अभिनेता अक्षय कुमार जयपुरिया इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट भी पहुंचे थे।
बहुत प्यार मिलता है लखनऊ में : मैंने लखनऊ में बहुत सी फिल्मों की शूटिंग की है। लखनऊ में जितना अदब और प्यार है, सब लाजवाब है। यहां के खाने का तो कहना ही क्या। बहुत सारा प्यार मिलता है यहां। लखनऊ में शापिंग करने का अपना मजा है।
उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी निर्माण के प्रश्न पर अक्षय कुमार ने कहा कि फिल्म सिटी का निर्माण तो हर जगह होना चाहिए। हर शहर में फिल्मों का निर्माण होना चाहिए। हर भाषा में फिल्में बननी चाहिए। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि फिल्में हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाती हैं।