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इंजीनियरिंग के छात्र रहे SP के मुखिया अखिलेश यादव ने माना फेल रहा BSP से गठबंधन का प्रयोग

बसपा के साथ सपा का गठबंधन फेल होने पर अखिलेश यादव ने साफ कहा कि इंजीनियरिंग का छात्र होने के नाते प्रयोग किया था जरूरी नहीं हर इंजीनियर का हर प्रयोग सफल हो।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 06 Jun 2019 05:05 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 08:45 AM (IST)
इंजीनियरिंग के छात्र रहे SP के मुखिया अखिलेश यादव ने माना फेल रहा BSP से गठबंधन का प्रयोग
इंजीनियरिंग के छात्र रहे SP के मुखिया अखिलेश यादव ने माना फेल रहा BSP से गठबंधन का प्रयोग

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में अपेक्षित लाभ न होने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के गठबंधन पर उंगली उठाने के बाद अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी बसपा के साथ गठबंधन को एक फेल प्रयोग मान रहे हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव अब सारा फोकस 11 सीटों पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव पर कर रहे हैं।

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बसपा के साथ सपा का गठबंधन फेल होने पर अखिलेश यादव ने साफ कहा कि इंजीनियरिंग का छात्र होने के नाते प्रयोग किया था, जरूरी नहीं हर इंजीनियर का हर प्रयोग सफल हो। एक इंजीनियरिंग का छात्र होने के नाते उन्होंने यह प्रयोग (सपा-बसपा-रालोद गठबंधन) किया था।

उन्होंने कहा कि जब आप कुछ नया करते हैं तो भले ही सफलता न मिले, लेकिन काफी कुछ सीखने को मिलता है। यह जरूरी नहीं कि हर प्रयोग सफल हो। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा मैं विज्ञान का छात्र रहा हूं। विज्ञान और इंजीनियरिंग में हमें सिखाया जाता है कि आपके प्रयोग फेल भी हो जाते हैं, लेकिन हमें उनसे सीखते रहना चाहिए।

गठबंधन टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मायावती जी के लिए जो बात मैंने पहले दिन कही थी कि उनका सम्मान हमारा सम्मान है, आज भी वहीं बात कहता हूं। अगर अब रास्ते खुले हैं तो आने वाले उपचुनावों में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात करके आगे की रणनीति पर चर्चा करूंगा। गठबंधन टूटने से हमारे रास्ते जरूर अलग हुए हैं लेकिन हमारे मन में मायावती जी के लिए सम्मान बना रहेगा।

अखिलेश ने कहा कि गाजीपुर में सपा का नेता मार दिया जाता है और आरोपी नहीं पकड़े जाते लेकिन, अमेठी में बीजेपी के नेता की हत्या होने पर ऐसा नहीं होता। अखिलेश ने कहा कि चुनाव अमीरी और गरीबी के मुद्दे पर नहीं हुए लेकिन, आगे जनता जरूर सोचेगी कि अमीर और अमीर होता जा रहा है, गरीब और गरीब होता जा रहा है। 

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को हराने की खातिर उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-रालोद के साथ आने के बावजूद गठबंधन सिर्फ 15 सीटें ही जीत पाया। वहीं भाजपा अकेले दम पर 62 सीटें ( अपना दल समेत 64) लाने में कामयाब रही। समाजवादी पार्टी सिर्फ 5 और बहुजन समाज पार्टी 10 सीटों पर सिमट कर रह गई।

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