अखिलेश यादव ने कहा, कोरोना से बचाव व इलाज के नाम पर केवल जुबानी जमा खर्च कर रही सरकार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि अधिकारी किसी न किसी बहाने से खुद भी बचना चाहते हैं जबकि कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना महामारी सितंबर आते-आते गंभीर रूप लेगी लेकिन, भाजपा सरकार इस संकट से निपटने में अक्षम व असहाय दिख रही है। मुख्यमंत्री बैठकें तो बहुत करते दिखते है लेकिन, नतीजा शून्य ही रहता है। बचाव व इलाज के नाम पर सरकार केवल जुबानी जमा खर्च कर रही है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को जारी बयान में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना मरीजों का रिकार्ड बन जाएगा। भाजपा ने न कुछ किया, न ही कुछ करना है। पता नहीं मुख्यमंत्री किस अर्थशास्त्र के ज्ञाता हैं कि वह एक माह में कोरोना संकट के बावजूद अर्थव्यवस्था पहले जैसी होने का दावा कर रहे हैं। उनके दावे में दम नहीं है। अखिलेश ने कहा कि अधिकारी हेराफेरी में माहिर हैं। वो आंकड़ों में सुधार का दिखावा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री दूसरों को गुमराह कर रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि अधिकारी किसी न किसी बहाने से खुद भी बचना चाहते हैं, जबकि कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। उनको न एंबुलेंस सेवा मिल रही है और न ही अस्पतालों में भर्ती हो पा रहे हैं। अखिलेश ने आरोप लगाया कि गोरखपुर में अस्पतालों के वार्ड में पानी भरा है। मरीजों की संख्या के मुकाबले अधिगृहीत होटल भी कम पड़ रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल किया कि भाजपा सरकार को होम क्वारंटाइन की बात मानने में क्या दिक्कत है? क्या सरकार इसलिए नहीं मान रही है कि यह मांग सपा ने उठाई है? उन्होंने कहा कि ऐसा है तो यह राजनीतिक विद्वेष व संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। सरकार को चाहिए कि इलाज के अभाव में किसी की मौत न हो और भूख से कोई मरे नहीं।