अखिलेश यादव अभी तो मुलायम को नहीं लौटाएंगे अध्यक्ष पद
शिवपाल यादव बड़े भाई मुलायम सिंह को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद वापस दिलाने की मांग बुलंद कर रहे हैं मगर जिस अखिलेश यादव को फैसला लेना है वह और जिनको पद मिलना है वह 'खामोश' हैं।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में हार के बाद से प्रदेश में समाजवादी पार्टी में सदस्यता अभियान चल रहा है। दूसरी ओर पूर्व मंत्री शिवपाल यादव अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद वापस दिलाने की मांग बुलंद कर रहे हैं मगर जिस अखिलेश यादव को फैसला लेना है वह और जिनको पद मिलना है वह भी 'खामोश' हैं। संकेत साफ है सपा के अध्यक्ष पद में बदलाव नहीं होने जा रहा है।
विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मुलायम सिंह को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग शुरू हुई मगर जोर नहीं पकड़ सकी। इससे इतर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी फिर से खड़ी करने का अभियान शुरू करते हुए साइकिल चिह्न पर नगरीय निकाय चुनाव लडऩे का एलान किया। फिर सदस्यता अभियान शुरू कर दिया।
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सदस्यता के बाद संगठन के चुनाव की घोषणा की। स्पष्ट है एक जनवरी 2017 को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का ओहदा संभालने के बाद अखिलेश ने 'तीन माह बाद अध्यक्ष मुलायम को लौटाने का जो वादा किया था उस पर फिलहाल वह अमल करने नहीं जा रहे।
प्रदेश कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य सुधीर सिंह मुलायम को अध्यक्ष पद वापस करने की लगातार मांग कर रहे हैं, जिसमें शिवपाल सिंह यादव भी शामिल हो गए हैं। रविवार को फतेहपुर में उन्होंने कहा कि कि अखिलेश अध्यक्ष पद मुलायम सिंह को वापस लौटाएं, मगर शिवपाल की जो स्थिति है, उसमें यह सिर्फ एक मांग भर है। अलबत्ता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने दो टूक कहा कि अखिलेश सपा का भविष्य हैं, अध्यक्ष पद लौटाये जाने की आवश्यकता नहीं है।
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बावजूद इसके दिलचस्प बात यह है कि जिस अखिलेश को यह पद लौटाना वह खामोशी अख्तियार किये हैं। जिन मुलायम को पद लौटाने की मांग हो रही है, वह भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं। एक माह के अंदर मैनपुरी, इटावा के दौरे के दौरान मुलायम ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर नाखुशी जाहिर की। यह भी कहा मोदी की आंधी के चलते सपा हार गई मगर अध्यक्ष पद पर एक शब्द नहीं बोले।
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सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, सदस्यता अभियान चल रहा है। संगठन मजबूत करने का प्रयास चल रहा है। कहां कौन क्या मांग रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। पार्टी के फोरम पर कोई बात आयेगी तो राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद फैसला लेंगे। वह हर कार्यकर्ता को मान्य होगा।
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