सरकारी बंगले में तोडफ़ोड़ के आरोपों से घिरे अखिलेश अपने खर्च का हिसाब न दे सके
बंगले में तोडफ़ोड़ के आरोपों में घिरे अखिलेश यादव भले अपने पैसे से लगाए सामान को ले जाने की दुहाई दे रहे हों, लेकिन खर्च रकम की जानकारी न दे सके।
लखनऊ (जेएनएन)। बंगले में तोडफ़ोड़ के आरोपों में घिरे अखिलेश यादव भले ही अपने पैसे से लगाए सामान को ही ले जाने की दुहाई दे रहे हों, लेकिन खर्च की गई रकम की जानकारी वह न दे सके। सपा प्रमुख सवालों का सीधा जवाब देने से बचते रहे। जब उनसे पूछा गया कि सरकारी आवास में उन्होंने कितना पैसा खर्च किया तो वह जवाब नहीं दे सके। यह पैसा कहां से आया? इस सवाल का उत्तर भी उनके पास नहीं था। सरकारी संपत्ति में बदलाव करने से पूर्व विधिवत अनुमति लेने के प्रश्न का उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। मायावती की तरह बंगला खाली कर चाबी सौंपने से पहले मीडिया को अपना बंगला न दिखाने की वजह भी अखिलेश नहीं बता पाए।
मुख्य न्यायाधीश को बंगला आवंटित हो
सपा प्रमुख ने अपने खाली किये गए सरकारी बंगले को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को आवंटित करने की सलाह भी दी। उनका कहना था कि चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी आवास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को आवंटित करना ही बेहतर होगा। उन्होंने बंगले पर कई मंत्रियों की निगाह होने को लेकर चुटकी भी ली।
नुकसान को लेकर उलझन
बंगले को लेकर जारी बवाल से राज्य संपत्ति विभाग की उलझन बढ़ गई है। बंगले मेंं हुए नुकसान का आकलन करना मुश्किल हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि बंगले में कई विभागों का पैसा खर्च किया गया था और अब लोक निर्माण विभाग की मदद ली जा रही है। सूत्रों के अनुसार बंगले में छत से लेकर किचन, बाथरूम और लॉन से सामान निकाला गया। फॉल्स सीलिंग तोड़कर बिजली का सामान निकालने और बाथरूम की फिटिंग, एसी के स्विच बोर्ड, किचन में सिंक और टोंटी, बाथरूम की टोंटियां और लॉन से बेंच भी निकाल ली गई हैं। बंगले में बना जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्विमिंग पूल व साइकल ट्रैक को भी तोडऩे का आरोप है।