अखिलेश यादव बोले- यूपी में जेल से चल रहे अपराधियों के काले धंधे
प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि अपराधियों में अब पुलिस का खौफ नहीं रह गया। यहां तो जेल से भी उनके काले धंधे चल रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद बसपा से गठबंधन टूटने को खास अहमियत न देने वाले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कानून-व्यवस्था को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है। लंबे विदेशी दौरे से लौटने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब विधानसभा उप चुनाव को लेकर भी पार्टी के प्रत्याशियों के चयन में लगे हैं।
प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि अपराधियों में अब पुलिस का खौफ नहीं रह गया। यहां तो जेल से भी उनके काले धंधे चल रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों में बहुत दहशत है। एटा के थाना आवागढ़ के नगला राजा की एक महिला को पुलिस कर्मियों ने हवस का शिकार बनाया है। अखिलेश ने इस घटना का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा के राज में पुलिस रक्षक नही भक्षक बन गयी है। अखिलेश ने कहा कि एटा की घटना को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही। पीडि़त महिला और उसका पति परिवार सहित पुलिस के डर से गांव छोड़ गए हैं। प्रशासन में बैठे लोग आरोपितों को बचाने में लगे है।
उन्होंने अपराध की कई घटनाओं को गिनाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के लोग ही महिलाओं की इज्जत तार- तार कर रहें हैं। बहुत सी बालिकाओं नेे भय के चलते अपनी पढ़ाई ही छोड़ दी है। घर से निकलना मुश्किल हो गया है। महिला सुरक्षा के लिए समाजवादी सरकार में 1090 सेवा और अपराधों के नियंत्रण को यूपी डायल 100 सेवा आरंभ की गई थी परंतु इन सेवाओं को भाजपा राज में निष्क्रिय कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की बदनामी कराने में भाजपा सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही। आपराधिक घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। अब लगने लगा है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं रह गया।
12 सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्लान के साथ मांगा बायोडाटा
विदेश से लौटने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। उपचुनाव के लिए सपा प्रमुख ने 20 जुलाई तक चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं से आवेदन मांगे हैं। अखिलेश यादव ने जमीनी और जिताऊ प्रत्याशी की तलाश शुरू कर दी है। अखिलेश ने कल तथा आज लगातार बैठकों के बाद अब 20 जुलाई तक चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं से आवेदन मांगे हैं। सपा अध्यक्ष ने इस बार उपचुनाव लडऩे वाले नेताओं से सिर्फ बायोडाटा ही नहीं मांगा है बल्कि राजनीतिक तौर पर उन्होंने क्या-क्या काम किए हैं, इसका भी विवरण मांगा है। अखिलेश उपचुनाव के जरिए दमदार तरीके से वापसी करना चाहते हैं। ऐसे में वह तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं। उन्होंने प्रत्याशियों से उनके प्लान मांगे हैं कि वह किस प्रकार चुनाव लड़ेंगे।
उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होना है। इनमें एक-एक सीट सपा व बसपा और दस सीट भाजपा के पास थी। लोकसभा चुनाव में 11 विधायकों के सांसद बन जाने और हमीरपुर सीट के भाजपा विधायक को उम्रकैद की सजा हो जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया था। इस तरह से 12 सीटें रिक्त हुई हैं। कानपुर के गोविंद नगर से सत्यदेव पचौरी, लखनऊ कैंट से रीता बहुगुणा जोशी, बांदा के मानिकपुर से आरके पटेल, बाराबंकी के जैदपुर से उपेंद्र रावत, बहराइच के बलहा से अक्षयवर लाल गोंड, प्रतापगढ़ से संगमलाल गुप्ता और अंबेडकर नगर के जलालपुर से रितेश पांडेय सासंद चुने गए हैं। रामपुर से सपा के आजम खां, गंगोह से भाजपा के प्रदीप चौधरी, इगलास से भाजपा के राजबीर सिंह दलेर, टुंडला से भाजपा के एसपी सिंह बघेल सांसद चुने गए हैं। हमीरपुर सीट से विधायक अशोक कुमार चंदेल को हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद हो गई है। मीरपुर और हमीरपुर सीट पर भी उपचुनाव होने हैं। अखिलेश यादव विदेश से लौटते ही उपचुनाव के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं।