विधान परिषद में बोले अखिलेश, गठबंधन के लिए हम कुर्बानी देने को तैयार
'उम्र और तजुर्बे में जो बड़ा होगा, हम उसका लाभ लेंगे। उसके लिए त्याग करेंगे। हम समाजवादियों का दिल बड़ा है। वह जो मांगेगा, हम दे देंगे। इशारा इसी माह होने वाले विधान परिषद चुनाव की ओर था।
लखनऊ (जेएनएन)। सपा-बसपा गठबंधन को तोडऩे की कोशिशों पर पलटवार करते हुए समाजवादी पार्र्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को विधान परिषद में कहा कि इस दोस्ती को बनाये रखने के लिए वह कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि 'उम्र और तजुर्बे में जो बड़ा होगा, हम उसका लाभ लेंगे। उसके लिए त्याग करेंगे। हम समाजवादियों का दिल बड़ा है। वह जो मांगेगा, हम दे देंगे। इशारा इसी माह होने वाले विधान परिषद चुनाव की ओर था।
विधान परिषद में बजट पर चर्चा के दौरान सपा विधानमंडल दल के नेता अखिलेश ने कहा कि सपा-बसपा के बीच झगड़ा कराने के लिए भाजपा ने गिनती पूरी होने से पहले तिकड़म से राज्यसभा चुनाव हरवा दिया, हमारे एमएलसी छीन लिए और अब गेस्ट हाउस प्रकरण को लेकर लगातार हमलावर है। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन को सांप-छछूंदर की दोस्ती बताना मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता। उन्होंने बसपा प्रमुख को धन्यवाद दिया कि गेस्ट हाउस कांड को लेकर भाजपा को जो जवाब उन्हें देना चाहिए था, वह मायावती ने दे दिया। यह गठबंधन अब टूटने वाला नहीं और न अब भाजपा दोबारा सदन में बहुमत हासिल कर पाएगी।
योगी कैसे बने मठ के मुखिया : सपा पर जातिवाद और परिवारवाद के आरोपों को नकारते हुए अखिलेश ने सवाल किया कि परिवारवाद नहीं था तो योगी कैसे बन गए गोरखपुर में मठ के मुखिया? उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी तो भाजपा है। भाजपा ने जो फार्मूला तय किया, अब हम उसके खिलाफ वही इस्तेमाल करने जा रहे हैं। यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में हुए उपचुनाव में शराब बांटी गई।
क्यों बो रहे सीबीआइ जांच का बीज : अपनी संपत्तियों की सीबीआइ जांच की मांग से जुड़ी खबरों की कटिंग दिखाते हुए अखिलेश ने नेता सदन डॉ.दिनेश शर्मा से कहा कि 'ऐसा बीज क्यों बो रहे हैं? यह रास्ता ठीक नहीं है। हमें-आपको राजनीति करनी है। राजनीति में यह व्यवहार उचित नहीं है। अगले लोकसभा चुनाव में केंद्र में आपकी सरकार नहीं बनी तो देखिएगा क्या हाल होगा आपका।
कहीं स्मार्ट सिटी में तो नहीं होगा डाटा चोरी : अखिलेश ने कटाक्ष किया कि डिजिटल इंडिया में अब डाटा चोरी आ गई है। फिर नेता सदन से पूछा कि कहीं आपकी स्मार्ट सिटी ऐसी तो नहीं कि जहां मोबाइल एप से डाटा चोरी हो जाए। यूपी बोर्ड परीक्षाओं में नकल के मुद्दे पर सरकार की खिंचाई करने के साथ उन्होंने परीक्षाओं में 'ओपेन बुक सिस्टम को लागू करने की सलाह दी। यह तंज करते हुए कि 'तकनीक का इस्तेमाल पढ़ाई में किया जाए, न कि डाटा चोरी में। यदि वोटिंग मशीनों से डाटा चोरी न होता तो हम 2017 का चुनाव नहीं हारते।
अखिलेश ने कहा कि कर्जमाफी के बावजूद महोबा में बीते कुछ महीनों में 27 किसान आत्महत्या कर चुके हैं क्योंकि उनके कर्ज माफ नहीं हुए।
कानून व्यवस्था का आलम यह है कि खुद भाजपा के मंत्री, नेता और उनके रिश्तेदार आपराधिक घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। लोकसभा में बताया जा चुका है कि सबसे ज्यादा सांप्रदायिक घटनाएं उप्र में हुईं। खुद उनके जिले में ऐसा पुलिस कप्तान तैनात किया गया है जो आइपीसी की धारा 376 के तहत मुकदमे दर्ज कराने का रिकार्ड बना रहा है। डिफेंस कारीडोर के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने उनकी सरकार के कार्यकाल में विकास परियोजनाओं में सिर्फ अड़ंगा लगाया। इन्वेस्टर्स समिट, स्वास्थ्य और बिजली के मुद्दों पर भी उन्होंने सरकार को घेरा।
राम और काशी विश्वनाथ को भूले योगी
अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को गोरखपुर से जोडऩे के लिए तो उन्होंने बजट प्रावधान कर दिया लेकिन अपनी ही घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए उन्होंने एक्सप्रेसवे को अयोध्या और वाराणसी से जोडऩे के लिए बजट में कोई व्यवस्था नहीं की। फिर पूछा कि राम और काशी विश्वनाथ को योगी कैसे भूल गए?
आपके पदनाम से उप हट जाए
अखिलेश ने सदन में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा से कई बार यह कहते हुए कि चुटकी ली कि हम तो चाहते हैं कि आपके पदनाम से उप हट जाए। उन्होंने कहा कि डॉ.दिनेश शर्मा उन्हें आज सबसे ज्यादा खुश इसलिए दिखाई दिए क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के संसदीय क्षेत्रों में हुई हार के बाद वही बचे हैं।