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टोंटी लेकर पहुंचे अखिलेश ने कहा, सरकार बंगला तोड़ने का अारोप लगाकर बदनाम कर रही

अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर उनको बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुझे जैसा आवास मिला था मैने वैसा अावास सरकार को सौंपा था।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 12:36 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 04:49 PM (IST)
टोंटी लेकर पहुंचे अखिलेश ने कहा, सरकार बंगला तोड़ने का अारोप लगाकर बदनाम कर रही
टोंटी लेकर पहुंचे अखिलेश ने कहा, सरकार बंगला तोड़ने का अारोप लगाकर बदनाम कर रही

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर उनको बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुझे जैसा आवास मिला था मैने वैसा ही सरकार को सौंपा था। हमारे घर छोड़ने के बाद कोई व्यक्ति घर में खुली शर्ट पहनकर इनोवा गाड़ी से गया था उसी ने पूरी स्कि्प्ट रची है। मैं तो उस घर से केवल अपना समान ले गये हैं। 

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अखिलेश ने कहा कि राज्यपाल बहुत अच्छे अादमी हैं उनके ऊपर कभी-कभी 'अारएसएस की अात्मा' आ जाती है तो मैं क्या कर सकता हूं। उनको किसी ने बता दिया कि हमारे घर के निर्माण में 42 करोड़ खर्च हुये। तभी उन्होंने सरकार को पत्र लिखा है। 

अाज दोपहर सपा कार्यालय में प्रेस वार्ता करते समय अखिलेश यादव नल की कुछ टोटियां लेकर पहुंचे। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं आज सरकार को टोंटी वापस करने आया हूं। हर इंसान अपने हिसाब से अपना घर बनाता है। अगर मुझे कुछ पसंद है तो वो अपने पैसों से करूंगा। दूसरों के पैसों से अपनी पसंद को पूरा नहीं किया जा सकता है। अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर वो घर मिला तो अपने हिसाब से उसे बनाया था। सपा अध्यक्ष ने कहा कि घर की टोंटी कौन निकालता है। नशेड़ी – गंजेड़ी निकालते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि कौन-कौन लोग मेरे जाने के बाद उस बंगले में गए थे। अखिलेश ने साफ कहा कि सीएम योगी के ओएसडी गए थे कि नही। मृत्युंजय नारायण वहां गए थे। जिन्होंने टोंटी ढूंढ ली वहां जाकर वो गांजा भी ढूंढ लेंगे। वहां सब कुछ ऐसा बना था कि वो वापस ले जा सकूं। ऐसी फोटो ली गई कि जहां से घर उजड़ा हुआ दिखे। गुस्से और जलन में अंधे हो गए लोग। अखिलेश यादव ने कहा कि मेरे बैडरूम में कोई तोड़फोड़ नहीं हुई। मेरे बारे में जो भी टीवी पर दिखाया गया, सब गलत है।

अखिलेश ने कहा कि हमें अब रिपोर्ट आने का इंतज़ार है। संपत्ति विभाग के लोग इन्वेंट्री क्यों नही लिए थे। एक भी सरकारी चीज गायब हुई तो वापस कर देंगे। ये सरकार हमारे काम से जली-भुनी है। हमने वर्ल्ड क्लास एक्सप्रेस वे बनाया, हमनें डायल 100 दिया। वर्ल्ड क्लास स्टेडियम दिया। हमनें लैपटॉप दिया हमने लेकिन सब भूल गए। हमने अपने संसाधनों से बच्चों को लैपटॉप दिया लेकिन बीजेपी वाले टोंटी को लेकर हमारे पीछे पड़ गए।

मुख्यमंत्री आवास में मैंने जाली लगवाई तो खुद के पैसे से, वहां मंदिर बनवाया, झूमर लाइट अपने पैसे से लगवाए थे। उन्होंने कहा कि सरकार मेरा मंदिर वापस कर दे। मेरी सरकार आएगी तो मैं भी घर दिखाने ले जाऊंगा। अधिकारी तो वही रहेंगे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि मेरा और मायावती जी का आवास खाली करा लिया गया। सुप्रीम कोर्ट का फैसला है लेकिन सरकार साजिश करती है। ये सब उपचुनाव हारने का नतीजा है। फिटनेस चैलेंज पर अखिलेश ने कहा कि मुझसे कोई खेल खेलकर दिखाएं, सबमें हरा दूंगा। आलमबाग बस स्टैंड किस विधायक का सपना था। अखिलेश ने कहा कि हमने तो जनता के लिए मेट्रो बनाई, एक्सप्रेसवे बनाया जो इस सरकार को पसंद नहीं आ रहा है। अखिलेश ने कहा कि दो निर्दोष जिलाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। जहां खनन हो रहा, वहां सरकार की नजर नहीं जाती है।

इसके राज्यपाल रामनाईक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा राजधानी के चार, विक्रमादित्य मार्ग पर आवंटित सरकारी आवास को खाली करने से पूर्व उसमें की गई तोडफ़ोड़ और क्षतिग्रस्त करने को अनुचित ठहराया था। यह मामला मीडिया तथा जनमानस में चर्चा का विषय है।राज्यपाल ने कहा कि यह नितान्त अनुचित और गंभीर मामला है। पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित किये गए सरकारी आवास राज्य संपत्ति की श्रेणी में आते हैं। इनका निर्माण व रखरखाव सामान्य नागरिकों के विभिन्न प्रकार के करों से होता है। लिहाजा राज्य संपत्ति को क्षति पहुंचाना ठीक नहीं।

मुख्यमंत्री को पत्र भेजने से पहले राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी आवासों को खाली कराने के प्रकरण की जानकारी लेने के लिए राज्य सम्पत्ति विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया। अधिकारियों ने बताया कि सभी बंगलों की वीडियोग्राफी कराई गई लेकिन इनमें से केवल चार विक्रमादित्य मार्ग वाले बंगले में तोडफ़ोड़ की बात सामने आयी है।

पीडब्लूडी भी करेगा नुकसान का आकलन

राज्य संपत्ति विभाग केपास अखिलेश यादव के बंगले पर हुए खर्च का हिसाब भी नहीं है। सूत्रों का कहना है इस बंगले के लिए अलग-अलग मदों में कुल 42 करोड़ रुपये जारी किये गए थे। इसमें राज्य संपत्ति विभाग की ओर से केवल 89.99 लाख रुपये खर्च करना ही विभागीय रिकार्ड में दर्ज है।

राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला का कहना है कि बाकी धनराशि का पता लगाया जा रहा है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग की मदद ली जा रही है। पीडब्लूडी से भी क्षति का आकलन करने को कहा गया है। रिपोर्ट जल्द ही तैयार की जाएगी।

अखिलेश ने आठ को सौंपी चाबी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले खाली कराये जाने की अंतिम तारीख तीन जून थी। सूत्रों का कहना है कि अखिलेश ने दो जून को ही बंगला खाली कर दिया लेकिन कुछ सामान रखा होने की बात कहकर उस समय चाबी राज्य संपत्ति विभाग को नहीं सौंपी। राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला के अनुसार उन्हें आठ जून को चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी आवास की चाबी मिली थी। 


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