जानिए, कैसे; कितना और किस फार्मूूले से मिलेगा राज्य कर्मियों को वेतन लाभ
कैबिनेट बैठक में सरकार राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट पर प्रदेश के 21 लाख राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनरों को सातवें वेतन का लाभ देने का फैसला लिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। विधानसभा चुनाव की आहट तेज होते ही अखिलेश सरकार ने राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट पर प्रदेश के 27 लाख राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनरों को पहली जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ देने का फैसला किया है। सातवें वेतनमान में कर्मचारियों के वेतन में औसतन 14.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन उच्च वेतनमानों में यह इजाफा 20 फीसद तक है। यह बात और है कि कर्मचारियों को नये साल में सातवें वेतन का लाभ पाने के लिए फरवरी तक इंतजार करना होगा। कर्मचारियों को नये वेतनमान के मुताबिक जनवरी के वेतन का भुगतान फरवरी में होगा। केंद्र की तरह राज्य कर्मचारियों/पेंशनरों को पहली जुलाई 2016 से ही दो प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता/महंगाई राहत देय होगा लेकिन इसका भुगतान भी फरवरी में मिलने वाले वेतन/पेंशन के साथ होगा।
अब सुनाई देगी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 'परिवर्तन की आहट'
सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर विचार के लिए गठित राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट पर मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मुहर लग गई। अब तक लागू वेतन बैंड और ग्रेड पे की व्यवस्था को खत्म करते हुए सातवें वेतनमान का निर्धारण वेतन मैट्रिक्स के आधार पर किया जाएगा। राज्य कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर लिये गए निर्णय के आधार पर लागू वेतन मैट्रिक्स, वेतन निर्धारण, पदोन्नति पर वेतन निर्धारण और वार्षिक वेतनवृद्धियों की व्यवस्था लागू की जाएगी। बैठक के बाद कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव वित्त डॉ.अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि सातवें वेतनमान का लाभ प्रदेश में विभिन्न वर्गों के 16.5 लाख कर्मचारियों और 10.5 लाख पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को मिलेगा। इस फैसले से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों में राज्य कर्मचारी, शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारी, नगरीय निकायों, जल संस्थानों, जिला पंचायतों, विकास प्राधिकरणों, स्वशासी संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी शामिल हैं। डीए के अलावा कर्मचारियों को वर्तमान में मिल रहे विभिन्न प्रकार के भत्ते व सुविधाएं पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में पूर्व दरों पर दिये जाते रहेंगे।
सपा घमासानः अमर सिंह को तवज्जो से सपा धुरंधरों को चित करने में जुटे मुलायम
एरियर का भुगतान दो किस्तों में : सरकार जनवरी से दिसंबर 2016 तक सातवें वेंतनमान और जुलाई से दिसंबर 2016 तक दो फीसद डीए के एरियर का भुगतान अगले दो वित्तीय वर्षों में दो समान किस्तों में करेगी। वित्तीय वर्ष 2017-18 में एरियर की 50 फीसद और 2018-19 में शेष 50 प्रतिशत का भुगतान किया जाएगा। दोनों ही वित्तीय वर्षों में भुगतान की जाने वाली एरियर की धनराशि का 80 फीसद हिस्सा जीपीएफ/पीपीएफ/एनएससी के रूप में दिया जाएगा जिस। बची हुई 20 फीसद राशि का आयकर कटौती के बाद नकद भुगतान किया जाएगा। दोनों वर्षों में एरियर का भुगतान अक्टूबर या उसके बाद होगा। पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को एरियर का भुगतान राज्य कर्मचारियों की तरह दो समान किस्तों में नकद किया जाएगा। 80 वर्ष से अधिक उम्र के पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों तथा मृत पेंशनरों के आश्रितों को एरियर का नकद भुगतान इसी वित्तीय वर्ष में किया जाएगा।
नोटबंदी से फिजूलखर्ची पर रोक, चाय की चुस्कियों के साथ विदा हुई दुल्हन
17958 करोड़ का अतिरिक्त खर्च : प्रमुख सचिव वित्त ने बताया कि कर्मचारियों और पेंशनरों को सातवें वेतनमान का लाभ देने पर राज्य सरकार पर सालाना 17958.2 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आएगा।
निगमों/स्वाशासी संस्थाओं को अपने स्रोतों से उठाना होगा खर्च : प्रमुख सचिव वित्त ने बताया कि स्वशासी संस्थाओं, सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों, पंचायत संस्थाओं, विकास प्राधिकरणों को अपने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के लिए शासन उन्हें कोई अतिरिक्त अनुदान नहीं देगा। उन्हें अपने आर्थिक स्रोतों से यह अतिरिक्त खर्च उठाना होगा। ऐसे सार्वजनिक उपक्रम/निगम जो लाभ की स्थिति में हैं, उन्हें राज्य कर्मियों के समान महंगाई भत्ता दिये जाने के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग की ओर से लगायी गई शर्त को शिथिल किया जाएगा।
लोकलाज के भय से नवजात को जिंदा दफनाया, कुत्तों ने बचाई जान
मिलेगा एसीपी का लाभ : राज्य के विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतनमानों में 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पूरी होने पर सुनिश्चित करियर उन्नयन (एसीपी) व्यवस्था के तहत तीन वित्तीय स्तरोन्नयन दिये जाएंगे।
-सातवें वेतन का फार्मूला
(वेतन बैंड में वेतन + ग्रेड पे) गुणे 2.57
-पुराना फार्मूला
(मौजूदा वेतनमान + ग्रेड पे) + (वेतनमान व ग्रेड पे को जोड़कर कुल का 125 प्रतिशत महंगाई भत्ता)
न्यूनतम वेतन होगा 18000 रुपये
-नये वेतनमान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपये होगा
-तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का शुरुआती वेतन होगा 21700 रुपये
-क्लास टू अफसरों का शुरुआती वेतन होगा 56100 रुपये
-क्लास वन अफसरों का शुरुआती वेतन होगा 67700 रुपये
-मुख्य सचिव वेतनमान (80000 रुपये) के सापेक्ष 2.25 लाख होगा नया मूल वेतन