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हवाई अड्डे का प्रदूषण रोकेगा पारिस्थितिक प्रबंधन

- टर्मिनल-3 के बन जाने के बाद रोजाना सौ से अधिक उड़ानें -होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 09:00 AM (IST)
हवाई अड्डे का प्रदूषण रोकेगा पारिस्थितिक प्रबंधन
हवाई अड्डे का प्रदूषण रोकेगा पारिस्थितिक प्रबंधन

जागरण संवाददाता, लखनऊ : चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर टर्मिनल-तीन शुरू होने से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ना तय है। ऐसे में इसे रोकने के लिए प्रशासन का मास्टर प्लान तैयार है। इसके लिए जहां उच्च तकनीक का इस्तेमाल होगा वहीं पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने वाले पौधे लगाने के साथ ही हरित पट्टी भी विकसित की जाएगी। कुल मिलाकर ऐसा पारिस्थितिक तंत्र विकसित किया जाएगा जो प्रदूषण घटा सके।

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एयरपोर्ट पर टर्मिनल-तीन बनाने का शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि टर्मिनल शुरू होने के बाद सौ से अधिक देशी-विदेशी उड़ाने यहां से जाएंगी। इतनी बड़ी संख्या में एयर ट्रैफिक बढ़ने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती होगी। लखनऊ पहले से ही वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को लेकर चर्चा में रहा है। बीते दिनों प्रदूषण की रेटिंग में लखनऊ शीर्ष पर पहुंच गया था। प्रशासन का मानना है कि अगर एयरपोर्ट और उसके आसपास प्रदूषण मानकों के अनुरूप नहीं रहा तो यह सेहत के लिए तो खतरनाक है ही, शहर की सीरत के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसे में टर्मिनल के शुरू होने के बाद प्रदूषण को किस तरह नियंत्रित किया जाएगा इसे लेकर प्रशासनिक अफसरों की टीम ने एयरपोर्ट अथॉरिटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों के साथ बैठक की। सर्वे रिपोर्ट

- टर्मिनल-थ्री के विस्तार के बाद शोर का स्तर 55 एलडीएन के आसपास होगा।

- लैंडिंग फनल के क्षेत्रों में शोर की निगरानी नियमित रूप से की जाएगी

- ऑपरेटर टेक-ऑफ और टैक्सिंग के दौरान शोर स्तर पर अंतरराष्ट्रीय कोड ऑफ कंडक्ट का पालन करेंगे।

- यातायात और शोर से बचने लिए उच्चतम सुविधाएं होंगी।

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प्रदूषण रोकेगा पारस्थितिकी तंत्र

एयरपोर्ट के आसपास प्रदूषण के स्तर के कम करने के लिए मजबूत पारिस्थितिक तंत्र विकसित होगा। इसमें जहां दूषित जल के लिए एसटीपी बनेगा, वहीं तमाम तरह के ऐसे पौधे लगाए जाएंगे जो प्रदूषण को सोख लेंगे।

- परिसर के भीतर 23.42 हेक्टेयर में एक हरित पट्टी विकसित की जाएगी

- वायु प्रदूषण सहिष्णु प्रजातियों के पौधों से ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएगी

- एसटीपी लगाया जाएगा। एसबीटी प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए 435 केएलडी एसटीपी में अपशिष्ट जल का शोधन किया जाएगा।

- वर्षा जल संचयन के लिए आधा दर्जन बेलनाकार जल संचयन टैंक बनाए जाएंगे।

- कंधी, खैर, बिस्वाल, कैलोट्रोपिस गिगंती, करौंदा, बड़ा नींबू, बनसकबन, फालसा, मरचूला, कनेर, गुलेटेरा, बेदमुश्क, जयंती, तगर, टेका स्टांस और पीला कनेर लगाया जाएगा।

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एयरपोर्ट पर प्रदूषण कम से कम हो, इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा के बाद सहमति बनी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सक्रिय है और उम्मीद है कि प्रदूषण नियंत्रण में कामयाबी मिलेगी।

जितेंद्र मोहन, एडीएम पूर्वी


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