Cabinet decision: विधान मंडल सदस्य कर सकेंगे बिना एमसीओ विमान यात्रा
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश राज्य विधान मंडल (सदस्यों को वायुयान द्वारा यात्रा की सुविधा) (पंचम संशोधन) नियमावली, 2018 को मंजूरी दे दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश राज्य विधान मंडल (सदस्यों को वायुयान द्वारा यात्रा की सुविधा) (पंचम संशोधन) नियमावली, 2018 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से अब विधायक मूवमेंट कंट्रोल आर्डर (एमसीओ) के बिना भी किसी विमान में यात्रा कर सकेंगे। पहले इंडियन एयर लाइंस के विमानों में बिना एमसीओ यात्रा करने पर रोक थी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक विधान मंडल के सदस्यों द्वारा वायुयान यात्रा का विकल्प देने पर रेल कूपनों के सापेक्ष समान मूल्य का इंडियन एयर लाइंस द्वारा एमसीओ जारी किया जाता था। विधायकों को इंडियन एयर लाइंस के अलावा अन्य विमानों में बिना एमसीआर का उपयोग किये वायुयान टिकट प्रस्तुत करने पर ही टिकट के मूल्य के बराबर प्रतिपूर्ति की जाती थी। इस मामले को लेकर सदस्यों ने विधायन समिति की पिछली बैठकों में कई बार आवाज उठाई। इसके लिए समिति ने प्रमुख सचिव न्याय, विधायी, संसदीय कार्य तथा विधि परामर्शी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति ने यह संस्तुति की थी कि विधायकों को इंडियन एयर लाइंस से की गई यात्रा की प्रतिपूर्ति भी अन्य विमानों की भांति किये जाने के लिए नियमावली में संशोधन किया जाए। इसके बाद ही यह प्रस्ताव तैयार हुआ जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इस फैसले से विधायकों को यात्रा के लिए मिलने वाली धनराशि में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि विधायकों को प्रतिवर्ष 4.25 लाख रुपये यात्रा के लिए अनुमन्य हैं। इनमें रेल कूपन, पेट्रोल भत्ता और वायुयान भी शामिल हैं।
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे की क्रासिंग पर इंटरचेंज का होगा निर्माण
यमुना एक्सप्रेस-वे एवं प्रस्तावित ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे की क्रासिंग (ग्राम जगनपुर-अफजलपुर के पास) पर इंटरचेंज का निर्माण किया जाएगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसका निर्माण यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा ई-टेंरूर के जरिये निविदा आमंत्रित कर होगा। इस भूमि का स्वामित्व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पास रहेगा। सड़क निर्माण एनएचएआइ के ड्राइंग डिजाइन के आधार किया जाएगा। निर्माण में व्यय होने वाली धनराशि की प्रतिपूर्ति एनएचएआइ द्वारा यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से की जाएगी। सड़क निर्माण के बाद सड़क का रख रखाव एवं टोल प्लाजा का संचालन एनएचएआइ द्वारा किया जाएगा।