आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे धंसने की होगी जांच, 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के धंसने और कटने को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसकी थर्ड पार्टी जांच के आदेश दिए हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के धंसने और कटने को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसकी थर्ड पार्टी जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच राइट्स लिमिटेड को सौंपी गई है जो कि भारत सरकार द्वारा स्थापित इंजीनियरिंग परामर्श कंपनी है। इसे परिवहन अवसंरचना के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है। राइट्स को 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
उप्र एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि आगरा से करीब 16 किमी पहले लखनऊ की ओर आ रही सर्विस रोड का करीब 15-20 मीटर हिस्सा पानी में बह गया है। इसकी मरम्मत और निर्माण एक्सप्रेस-वे बनाने वाली एजेंसी ही करेगी। उन्होंने सभी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि भारी बारिश की संभावना के मद्देनजर उन्होंने सड़क के जिस हिस्से का निर्माण कराया है, उसे लेकर सतर्कता बरतें। सड़क या सर्विस लेन के किनारों पर जलजमाव न होने दें। बारिश से होने वाली क्षति की मरम्मत संबंधित एजेंसी को ही करनी होगी।
मालूम हो कि 300 किलोमीटर से अधिक लंबाई वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में अनियमितता का आरोप भाजपा पहले से ही लगाती रही है। इसके अलावा सपा शासन के अन्य निर्माण पर भी अंगुलियां उठी हैं, जिनमें कुछ की जांच भी चल रही है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे छह लेन का है। इस एक्सप्रेस वे का निर्माण 22 महीने के रिकार्ड समय में हुआ था। विधानसभा चुनावों के पूर्व नवंबर 2016 में अखिलेश यादव ने इसका शिलान्यास किया था। सपा इसे काम के अपने मानक के रूप में प्रचारित करती रही है, लेकिन अब उसकी गड़बडिय़ां सामने आने लगी है