TET Compulsory : टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का 11 को दिल्ली मार्च, लाखों की संख्या में होंगे शामिल
Protest of TET Compulsory: संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने बैठक में जिला और ब्लाक स्तर से दिल्ली आने वाले शिक्षकों की तैयारी की समीक्ष ...और पढ़ें

शिक्षक संगठनों का आंदोलन तेज
राज्य ब्यूरो जागरण, लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के टीईटी(शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता को लेकर आदेश के खिलाफ शिक्षक संगठनों का आंदोलन तेज हो गया है। पिछले तीन महीनों से शिक्षक कभी जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दे रहे हैं, तो कभी हस्ताक्षर अभियान चलाकर अपनी आवाज उठा रहे हैं। जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापनों के बीच अब कई सांसदों ने भी संसद में टीईटी अनिवार्यता समाप्त करने की मांग रख दी है।
अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसी कड़ी में रविवार को आनलाइन बैठक कर 11 दिसंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले धरने की रणनीति तय की। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने बैठक में जिला और ब्लाक स्तर से दिल्ली आने वाले शिक्षकों की तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अब निर्णायक चरण में है और 11 दिसंबर का धरना ऐतिहासिक होगा।
राष्ट्रीय और प्रांतीय पदाधिकारियों ने भी धरने को सफल बनाने की प्रतिबद्धता जताई। संघ ने उन सांसदों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने संसद में टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ आवाज उठाई। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यदि टीईटी की शर्त समाप्त होती है तो उत्तर प्रदेश के दो लाख शिक्षक और देशभर के करीब 20 लाख शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने पदाधिकारियों से अपील की कि वे अन्य सांसदों से भी संपर्क बढ़ाएं और इस मुद्दे को संसद में उठाने का आग्रह करें, ताकि शिक्षकों को इस अव्यावहारिक आदेश से राहत मिल सके।

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